Home देश भारत के गद्दार कौन? बाबर महिमामंडन पर रामदेव का बड़ा हमला

भारत के गद्दार कौन? बाबर महिमामंडन पर रामदेव का बड़ा हमला

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नई दिल्ली

 पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में तृणमूल कांग्रेस के निलंबित विधायक हुमायूँ कबीर ने बाबरी मस्जिद का शिलान्यास करके विवाद खड़ा कर दिया है। देश भर से इस मामले को लेकर कई तरह की प्रतिक्रिया आ रही हैं। योग गुरु बाबा रामदेव ने भी इस पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि बाबर इस देश का नहीं था, जो लोग भी उसका गुणगान करते हैं वह भारत के गद्दार हैं। गौरतलब है कि यह शिलान्यास ठीक 6 दिसंबर को किया गया, इसी तारीख को 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद को कारसेवकों ने ढहा दिया था।

बाबा रामदेव ने कहा कि 6 दिसंबर का दिन गुलामी के प्रतीकों को हटाने का दिन है। भारत की जनता जाग चुकी है, यह किसी भी विदेशी हमलावर का महिमामंडन नहीं होने देगी। उन्होंने कहा, "भारत बाबर का देश नहीं है। यह महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी महाराज, चंद्रशेखर आजाद, राजगुरु, भगत सिंह, सनातन और भगवान शिव का देश है। बाबर एक विदेशी आक्रमणकारी था, जो भी लोग उसके नाम को महान बताना चाहते हैं, वह भारत के गद्दार हैं। ऐसे लोगों के मनसूबे कभी पूरे नहीं होंगे।"

बाबा रामदेव ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, "हम इस्लाम या मुसलमानों के खिलाफ नहीं है। क्योंकि बाबर न तो इस्लाम का अनुयायी था और न ही मुसलमान था। वह सिर्फ एक क्रूर हमलावर था। उसका महिमामंडन नहीं होना चाहिए।"

गौरतलब है कि यह पूरा घटनाक्रम तृणमूल कांग्रेस से निलंबित विधायक हुमायूँ कबीर की वजह से शुरु हुआ। कबीर ने शनिवार 6 दिसंबर के दिन मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद का शिलान्यास किया। इसके विरोध का जवाब देते हुए कबीर ने कहा कि देश में धार्मिक स्थल बनाने का अधिकार संविधान देता है, ऐसे में वह कोई भी असंवैधानिक काम नहीं कर रहे हैं।

शिलान्यास के बाद सभा को संबोधित करते हुए कबीर ने कहा, "मैं कुछ भी असंवैधानिक काम नहीं कर रहा हूँ। कोई मंदिर बना सकता है, कोई चर्च बना सकता है, तो मैं मस्जिद क्यों नहीं बना सकता? कहा जा रहा है कि हम बाबरी मस्जिद नहीं बना सकते। यह कहीं लिखा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहा गया कि हिंदुओं ने बाबरी मस्जिद को ढहाया था। हिंदुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए वहाँ मंदिर बनाने का निर्णय हुआ। अब हम देखते हैं कि सागरदिघी में राम मंदिर का शिलान्यास हो रहा है। लेकिन संविधान हमें मस्जिद बनाने की अनुमति देता है।

इस मुद्दे को लेकर उनके ऊपर हुई कानूनी कार्रवाई का जिक्र करते हुए कबीर ने कहा कि ऐसी चुनौतियां मस्जिद निर्माण को रोक नहीं पाएंगी। उन्होंने कहा, "मेरे खिलाफ पांच मामले दर्ज हुए हैं, लेकिन जिसे अल्लाह का साथ हो, उसे कोई रोक नहीं सकता। अदालत ने भी साफ कहा है कि भारत के संविधान में मस्जिद बनाने का अधिकार है।

कबीर ने कहा कि इस मस्जिद के लिए 300 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। यह तय किया गया है कि इस मस्जिद में एक अस्पताल, अथिति गृह और एक सभा भवन का निर्माण किया जाएगा।

 

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