मेवात
नूंह में दस दिनों तक चली वंदे सरदार एकता पदयात्रा का शनिवार को पिनगवां अनाज मंडी में समापन हो गया। यह यात्रा सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती, हसन खां मेवाती के 500वें बलिदान वर्ष पर निकाली गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मेवात बुलाने के लिए एक हजार बच्चे न्योता देने के लिए अब पैदल दिल्ली जाएंगे।
समापन समारोह में उद्योग जगत और सामाजिक संगठनों से लोगों ने हिस्सा लिया। समारोह में पहुंचे मुख्यमंत्री के मीडिया कोऑर्डिनेटर मुकेश वशिष्ठ, उद्योगपति सुनील सिंगला, अजय शर्मा, स्वराज भाटी और तरुण आचार्य आदि ने कहा कि शहीद हसन खां मेवाती का संदेश केवल मेवात के लिए नहीं, पूरे भारत के लिए है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा एकता, सद्भाव और राष्ट्रीय चेतना को मजबूत करने का प्रयास है और इसे हर स्तर पर आगे बढ़ाना होगा। समारोह में लोगों ने यात्रा के उद्देश्य की खुलकर सराहना की और कहा कि मेवात की आवाज अब दबने वाली नहीं है।
हजारों लोगों ने बलिदान दिया
इतिहासकार, शिक्षाविदों के मुताबिक स्वतंत्रता संग्राम में मेवात के लोगों का काफी योगदान रहा। मुगलकाल से ही मेवाती देश के लिए जंग लड़ते रहे। शहीद हसन खां मेवाती के बलिदान के बाद भी देश पर मर मिटने वालों का सिलसिला जारी रहा। इतिहासकारों का कहना है कि वर्ष 1857 और 1858 गजट नोटिफिकेशन में शहीदों में हजारों मेवातियों के नाम दर्ज हैं। रूपडाका, पिंगवा, नगली,घासेड़ा, पुन्हाना रायसीना, हरिहेड़ा, निहारिका, चितोड़ा, हरचंदपुर, अलीपुर आदि गांवों में भी लोग शहीद हुए थे। शिक्षाविद सिद्दीक अहमद का कहना है कि मेवात के लोगों का स्वतंत्रता संग्राम में काफी योगदान रहा। हजारों लोगों ने वतन के लिए बलिदान दिया। इस तरह की यात्रा जारी रहें ताकि लोगों को गुमनाम शहीदों के बारे में जानकारी मिलती रही।
पारंपरिक वेशभूषा और लोकगीतों के साथ स्वागत
समापन कार्यक्रम में मेवाती संस्कृति की झलक साफ नजर आई। लोगों ने पारंपरिक वेशभूषा और लोकगीतों के साथ अतिथियों का स्वागत किया। प्रवक्ता नदीम खान ने बताया कि यह यात्रा नई सोच और नई दिशा का प्रतीक है और आगे भी ऐसे प्रयास जारी रहेंगे। कार्यक्रम में पूर्व मंत्री आजाद मोहम्मद, जान मोहम्मद, सुरेंद्र पिंटू, वसीम अकरम, यादराम गर्ग, इमरान सरपंच, जसवंत गोयल सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
मेवात को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार की जरूरत
यात्रा के अध्यक्ष जफरुद्दीन ने कहा कि मेवात को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार की विशेष जरूरत है। केंद्रीय यूनिवर्सिटी खुलने से शिक्षा का स्तर उठेगा। उद्योग आने से युवाओं को रोजगार मिलेगा। वक्ताओं ने कहा कि मेवात की मांगों को पूरा करवाने के लिए 2026 में 1000 युवाओं के साथ पैदल चलकर प्रधानमंत्री को मेवात आने का न्योता देंगे। उन्होंने कहा कि मेवात के हितों और विकास के लिए यह प्रयास लगातार जारी रहेगा। समाजसेवी फजरुद्दीन बेशर ने कहा कि मेवात के युवा आज एकजुट हैं और बड़े बदलाव की दिशा में आगे बढ़ने के लिए तैयार खड़े हैं। कार्यक्रम में आए लोगों ने यात्रा के उद्देश्य में अपना सहयोग देने का संकल्प भी लिया।







