WTO: ‘चीन की विकास प्रणाली से दुनियाभर में प्रतिस्पर्धा का दबाव’

नई दिल्ली/न्यूयॉर्क.

अमेरिका की व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई ने कहा कि चीन की आर्थिक विकास प्रणाली दुनिया में प्रतिस्पर्धी दबाव पैदा कर रही है। उन्होंने पिछले साल वॉशिंगटन और बीजिंग के द्विपक्षीय व्यापार में भारी गिरावट को वैश्विक व्यापार के विविधीकरण के लिए एक सकारात्मक संकेत करार दिया। ताई ने एक इंटरव्यू में कहा, जब विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की स्थापना हुई थी तो दुनिया की अर्थव्यवस्थाएं अलग थीं।

ताई ने कहा- तबसे अर्थव्यवस्थाएं आगे बढ़ी हैं। चीन इसका अच्छा उदाहरण है। यह 2001 में डब्ल्यूटीओ में शामिल हुआ था। आज की तुलना में तब इसके पदचिह्न (फुटप्रिंट) छोटे थे। अबू धाबी में डब्ल्यूटीओ की बैठक को संबोधित करते हुए ताई ने कहा, चीन का आर्थिक विकास दुनियाभर में कई प्रतिस्पर्धी दबाव पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूटीओ में सुधार की जरूरत है ताकि वह उन दबावों से निपटने के लिए और अधिक काम कर सके। उन्होंने कहा, हमें डब्ल्यूटीओ में प्रतिस्पर्धी आर्थिक दबावों को दूर करने की जरूरत है। हम में से कई चीन और उसकी विशेष आर्थिक और व्यापार प्रणाली के असर को वैश्विक अर्थव्यवस्था में महसूस कर रहे हैं। ताई ने आगे कहा, यह एक ऐसी चीज है, जिस पर हमें बिल्कुल कम करना चाहिए। यह डब्ल्यूटीओ के सुधार परियोजना का हिस्सा है। डब्ल्यूटीओ अपने छोटे और बड़े सदस्यों के हितों को पूरा करने के लिए है।

उन्होंने कहा कि पिछले साल चीन के साथ अमेरिकी व्यापार में भारी गिरावट आई जो कि सकारात्मक विकास का एक संकेत हो सकता है। अमेरिका के वाणिज्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 2023 में अमेरिका का चीनी सामान का आयात बीस फीसदी घटकर 427 अरब अमेरिकी डॉलर रहा। चीन को अमेरिका का भी निर्यात लगभग चार फीसदी घटा। यह 148 अरब अमेरिकी डॉलर रहा। इससे व्यापार घाटा घटकर 279 अरब डॉलर रह गया। नतीजतन, चीन सत्रह वर्षों में पहली बार अमेरिका के लिए शीर्ष निर्यातक देश के रूप में अपनी स्थिति खो सकता है।