भोपाल
प्रदेश में पिछले साल घटित हुए जघन्य अपराधों के 70 फीसदी आरोपियों को सजा दिलाने में पुलिस कामयाब रही। बेहतर जांच के चलते इनमें से 698 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा मिली, वहीं तीन अपराधियों को फांसी की सजा दी गई। इनमें से कई अपराधों को चिन्हित अपराध की श्रेणी में रखा गया था।
जानकारी के अनुसार पिछले साल जनवरी से लेकर दिसंबर तक न्यायालय में कुल 949 प्रकरणों निराकरण हुआ। इनमें प्रकरणों में 668 प्रकरणों में दोषसिद्धि हुई। करीब 70 फीसदी मामले में पुलिस की बेहतर जांच के चलते आरोपियों को उनके कृत्य की सजा दिलाने में कामयाबी मिली। इसमें से कुल 415 प्रकरणों में 698 अपराधियों को आजीवन कारावास, 3 प्रकरणों में 3 आरोपियों को मृत्युदण्ड की सजा सुनाई गई।
पुलिस मुख्यालय ने दावा किया है कि महिला एवं बाल अपराध पर नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाए हैं। जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत प्रदेश के सभी जिलों में महिला थाने संचालित हैं। इस वर्ष अतिरिक्त 250 पुलिस थानों में महिला ऊर्जा डेस्क का शुभारंभ किया गया, अब 950 महिला ऊर्जा डेस्क कार्यरत हैं। चेतना अभियान, असली हीरो, सम्मान अभियान के माध्यम से व्यापक जनजागृति के प्रयास किए।आपरेशन मुस्कान एवं अन्य विशेष प्रयासों से वर्ष 2022 (नवंबर तक) में 9413 बालिकाओं एवं 2205 बालकों को दस्तयाब किया।
मिल रहा सामाजिक न्याय
वंचित वर्गों के विरुद्ध होने वाले अत्याचारों को रोकने और सामाजिक समरसता का माहौल कायम करने में साक्षी संरक्षण योजना के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। प्रभावी पुलिसिंग के चलते 906 हॉट स्पॉट क्षेत्रों में घटित होने वाले अपराधों की संख्या में 50 प्रतिशत की कमी आई। वर्ष 2022 में संचालित की जाने वाली योजनाओं के फलस्वरूप अजा- जजा वर्ग के प्रति अपराधों पर रहा नियंत्रण।