इंदौर
मध्य प्रदेश में होने जा रहे प्रवासी भारतीय सम्मेलन को लेकर के प्रदेश के मुखिया लगातार देश और विश्व भर के लोगों को आमंत्रित कर रहे हैं। उन्होंने जिस अपनत्व के साथ अब तक विश्व के कई बड़े दिग्गजों को अपना बुलावा भेजा है। उसी अपनेपन के साथ पूरी उत्सुकता के साथ इंदौर में होने जा रहे हैं। महा सम्मेलन में शामिल होने के लिए वह आने को तैयार है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर उनके आने की खबर दी थी और इसके साथ में ही उन्होंने यह भी बताया था कि गुयाना और सूरीनाम देश के राष्ट्रपति भी इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आ रहे हैं। आइए जानते हैं इन दोनों देशों के राष्ट्रपति आखिर कौन है जो प्रदेश के मुखिया के एक बुलावे पर प्रदेश की आर्थिक राजधानी पहुंच रहे हैं।
इस देश की राष्ट्रीय भाषा है अंग्रेजी
विश्व के भूगोल में गुयाना देश बिल्कुल अलग स्थान लिए हुए है। ये दक्षिणी अमरीका महाद्वीप में स्तिथ एक देश है, यहां की कई बातें है जो इस गुयाना को अन्य देशों से अलग करती है। जैसे की भाषा, रहन सहन, वेश-भूषा, संस्कृति, धर्म, व्यवसाय, इत्यादि।
मिली जानकारी के अनुसार आधिकारिक रूप से अंग्रेजी भाषा बोली जाने वाली इस देश के राष्ट्रपति है मोहम्मद इरफान अली। ये गुयाना के एक पुराने और राजनीति को काफी करीब से समझने वाले राजनेता हैं।
इन्होंने अगस्त 2020 से गुयाना के राष्ट्रपति का पद सम्हाला हैं। इन इस पद पर होने इन्हें औरों से इसलिए भी अलग करता है क्योंकि राष्ट्रपति अली गुयाना के पहले मुस्लिम राष्ट्रपति और पूरे दक्षिण अमेरिका में पहले मुस्लिम राष्ट्राध्यक्ष हैं। साथ ही ये पश्चिमी गोलार्ध में नूर हसनाली के बाद दूसरे मुस्लिम राष्ट्राध्यक्ष हैं।
• जिलों से बना है सूरीनाम देश
दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के उत्तर में स्थित सुरीनाम गुयाना से बिल्कुल लगा हुआ ही देश। इस देश को 25 नवंबर वर्ष 1975 में आजादी मिली थी। महेश 10 जिलों से बनकर यह पूरा देश तैयार हुआ है। यहां की जनसंख्या बहुत कम बताई जाती है। इस देश के राष्ट्रपति चान संतोखी भी सम्मेलन में हिस्सा लेने आ रहे है। बता दें कि इनका पूरा नाम चंद्रिका प्रसाद संतोखी है और ये भारत वंशी भी है।
जानकारी के अनुसार इन्होंने पूर्व सैन्य तानाशाह डेसी बॉउटर्स को हराकर राष्ट्रपति की कुर्सी पर हासिल की है, बाउटर्स की नेशनल पार्टी ऑफ सूरीनाम (एनपीएस) मई में चुनाव हार गई थी। राष्ट्रपति संतोखी ने ऐसे समय में सूरीनाम की बागडोर संभाली है। जब उसके रिश्ते नीदरलैंड समेत दूसरे पश्चिमी देशों से बहुत खराब हो चुके हैं।