नई दिल्ली
शपथ विवाद के बाद दिल्ली सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। हिंदू देवी-देवताओं को ईश्वर ना मानने और उनकी पूजा ना करने की शपथ दिलाते हुए मंत्री का वीडियो वायरल होने के बाद अरविंद केजरीवाल को दिल्ली से लेकर गुजरात तक विरोध का सामना करना पड़ रहा था। ऐसे में राजेंद्र पाल गौतम ने पद छोड़ने का ऐलान कर दिया। पाल के पास समाज कल्याण मंत्रालय के अलावा एससी एसटी, महिला और बाल विकास, सहकारी समितियां और गुरुद्वारा चुनाव की जिम्मेदारी थी।
केजरीवाल पहले से थे नाराज, छिन चुका था मंत्रालय
सूत्रों की मानें तो शपथ दिलाने का मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री राजेंद्र पाल गौतम से नाराज चल रहे थे। इससे पहले भी आंगनबाड़ी कर्मियों के हड़ताल को लेकर केजरीवाल उनसे नाराज थे। शायद यही वजह थी कि उनके यह मंत्रालय उनसे लेकर कैलाश गहलोत को दे दिया गया था। उस समय भी उन्हें हटाने की चर्चा चल रही थी।
अब कौन बनेगा मंत्री?
राजेंद्र पाल गौतम के इस्तीफे के बाद राजनीतिक गलियारे में नए चेहरों को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि सरकार किसी दलित युवा चेहरे को जगह दे सकती है। जो नाम चर्चा में हैं उनमें मंगोलपुरी से राखी बिड़लान, करोल बाग से विशेष रवि, कोंडली से विधायक कुलदीप और अंबेडकर नगर से अजय दत्त शामिल हैं। हालांकि पार्टी की ओर से फिलहाल कोई कुछ कहने को तैयार नहीं है।
क्या बताई इस्तीफे की वजह
राजेंद्र पाल गौतम ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस्तीफा सौंपने के बाद कहा कहा कि उस कार्यक्रम के बाद से मैं देख रहा हूं कि भाजपा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व मेरी पार्टी को निशाना बना रही है। गौतम ने कहा, भाजपा को बाबा साहेब के इन 22 प्रतिज्ञाओं से आपत्ति है। जिसका प्रयोग करके भाजपा गंदी राजनीति कर रही है। जिससे आहत होकर मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं। क्योंकि मैं नहीं चाहता कि मेरी वजह से हमारी पार्टी व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ऊपर कोई आंच आएं।
भाजपा बोली- कानूनी कार्रवाई भी हो
भाजपा बोली, दबाव में लिया गया इस्तीफा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने दावा किया है कि भाजपा के दबाव के कारण दिल्ली सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम को इस्तीफा देना पड़ा है। बिधूड़ी ने कहा कि सिर्फ इस्तीफा ही काफी नहीं है, बल्कि हिंदू देवी-देवताओं की निंदा किए जाने के कारण उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जानी चाहिए और उन्हें पार्टी से भी निकाला जाना चाहिए।