भोपाल
मौलाना आजाद नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी और मध्य प्रदेश भोज ओपन यूनिवर्सिटी का स्थान परिवर्तन किया जाएगा। इन इलाकों में टाइगर का मूवमेंट होने के कारण इन्हें टाइगर रिजर्व बनाए जाने पर विचार शुरू हो गया है।
भोपाल टाइगर रिजर्व में कितने इलाके आएंगे
अभी सब कुछ होमवर्क लेवल पर है परंतु मामला बहुत गंभीर है क्योंकि मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के मामले में फारेस्ट डिपार्टमेंट में क्लियर कर दिया है कि वह टाइगर को कैंपस से बाहर करने के लिए कोई गतिविधि नहीं करेंगे बल्कि 20 कर्मचारियों को तैनात किया गया है ताकि मैनिट भोपाल के स्टूडेंट्स एवं मैनेजमेंट किसी भी तरह से टाइगर को परेशान ना करें। यानी MANIT का जंगल एक प्रकार से टाइगर के लिए तैयार हो गया है। भोज यूनिवर्सिटी के मामले में भी ऐसा ही है। अक्सर टाईगर आता रहता है। इसके अलावा कुछ और इलाके भी हैं। इनमें से कुछ ऐसे हैं जहां पर हाईप्रोफाइल लोगों की प्रॉपर्टी है।
रिजर्व के लिए विस्थापन योजना का कैलकुलेशन शुरू
वन एवं वन्य प्राणियों के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मांग उठाना शुरू कर दिया है। वन मंत्री विजय शाह ने इसका समर्थन किया है। क्योंकि प्रधानमंत्री स्वयं वन्य प्राणी संरक्षण की दिशा में व्यक्तिगत रूचि ले रहे हैं इसलिए कम से कम भारतीय जनता पार्टी के जनप्रतिनिधियों को भोपाल टाइगर रिजर्व का समर्थन करना होगा। इसलिए सरकारी स्तर पर भी विस्थापन योजना का कैलकुलेशन शुरू हो गया है। देखते हैं घर को भोपाल में नया घर कब तक मिल पाता है।