जयपुर
कांग्रेस की भारत जोड़ों यात्रा के 31वें दिन राहुल गांधी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री संग बैठे गौतम अडानी के बैठने पर साफ कर दिया है की वह व्यापार कॉरपोरेट के खिलाफ नहीं है। वहीं उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि, अडानी ने राजस्थान में 60 हजार करोड़ के निवेश का प्रस्ताव दिया है।सरकार सभी उद्योगपतियों का स्वागत करेगी, फिर चाहे वह अडानी हों, अंबानी हों या फिर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह, क्योंकि राज्य में रोजगार और निवेश की आवश्यकता है। गहलोत ने शनिवार को ‘इन्वेस्ट राजस्थान सम्मेलन’ के दूसरे दिन संवाददाताओं से बातचीत में कहा, 'चाहे अडानी हों, अंबानी हों या फिर अमित शाह के बेटे जय शाह, हम सभी का स्वागत करेंगे। हम रोजगार और निवेश चाहते हैं।' मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को गौतम अडानी को लेकर एक मुद्दा बनाया, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा, 'मैं इसकी निंदा करता हूं। इसे मुद्दा बनाना भाजपा को महंगा पड़ेगा।'
इससे पहले कई मौकों पर राहुल गांधी केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाते रहे हैं और अपनी तीखी प्रतिक्रियाओं के जरिए यह तक कह चुके हैं कि अमीर अमीर बनते जा रहे हैं और गरीब गरीब बनते जा रहे हैं और देश का आधे से ज्यादा धन कुछ दो-तीन उद्योगपतियों के हाथों में ही आ गया है।
राहुल गांधी ने शनिवार को कहा, अडानी ने राजस्थान में 60 हजार के निवेश का प्रस्ताव दिया है, कोई भी सीएम इसे नहीं ठुकराएगा। मैं मोनोपॉली के खिलाफ हूं। राजस्थान की सरकार ने अपने अधिकार का गलत इस्तेमाल कर अडानी को फायदा नहीं पहुंचाया है।
मैं व्यापार और कॉरपोरेट के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन व्यापार में कुछ लोगों के एकाधिकार के खिलाफ हूं। बीजेपी कुछ लोगों के हाथ में सब कुछ सौंप रही है। अगर राजस्थान सरकार ने अडानी को नियमों के खिलाफ जाकर फायदा पहुंचाया होगा तो मैं विरोध में खड़ा हो जाऊंगा लेकिन ऐसा नहीं है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री संग गौतम अडानी की तस्वीर पर भाजपा भी हमला कर रही है। वहीं इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा था कि, राज्य में अब तक का सबसे बड़ा निवेश आ रहा है परंतु मुझे बड़ा अफसोस है कि भारतीय जनता पार्टी और मीडिया का एक तबका इस इवेंट की निगेटिव पब्लिकसिटी में लगा है।
"मैं इन्वेस्ट राजस्थान को लेकर की गई प्रेस वार्ता में कह चुका हूं कि कांग्रेस पार्टी कभी उद्योगों के खिलाफ नहीं रही। देश में उदारीकरण कर उद्योगों के लिए सकारात्मक माहौल बनाने का काम कांग्रेस पार्टी ने किया। हमारा विरोध किसी व्यक्ति विशेष के लिए बनाई गई नीतियों या दूसरे का हक मारकर फायदा पहुंचाने से हैं।"