भोपाल
प्रदेश में भ्रष्टाचार पर जीरो टारलेंस पर एक बार फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सख्त तेवर देखकर पुलिस महकमें में हड़कम मच गया है। सीएम के निर्देश के बाद ऐसे पुलिस अफसरों की सूची गुपचुप रूप से तैयार की जाएगी जिन्होंने अपनी नौकरी से ज्यादा शान शौकत दिखाई है। इसके लिए विशेष शाखा के लोग विशेष रूप से जुटेंगे। वहीं जिला पुलिस अधीक्षक भी इस काम में अपने मुखबिरों को लगाएंगे। इधर नशे को लेकर भी सोमवार से प्रदेश भर में विशेष अभियान चलाया जाएगा।
भ्रष्टाचार पर जीरो टारलेंस पर सीएम के निर्देश के बाद डीजीपी सुधीर सक्सेना भी एक्शन मोड में आ गए हैं। उन्होंने शनिवार को ही सभी रेंज के एडीजी-आईजी को स्वयं फोन कर इन दोनों मामलों पर विशेष रूप से ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। बताया जाता है कि डीजीपी के इस फोन के बाद सभी रेंज एडीजी और आईजी ने अपने भी मुखबिरों के साथ ही पुलिस अधीक्षकों को भी उनके महकमे के भ्रष्ट अधिकारियों की गुपचुप जानकारी जुटाने के निर्देश दिए हैं। इधर पुलिस मुख्यालय की विशेषा शाखा से भी सभी जोनल पुलिस अधीक्षकों को इस संबंध में काम करने को कहा गया है। इनके जरिए विशेष शाखा के लोग भी जुट जाएंगे। माना जा रहा है कि इसमें खास कर निरीक्षक स्तर के अफसरों पर उनके ही महकमें के आला अफसरों की नजर होगी।
वहीं नशे के कारोबार को लेकर भी डीजीपी ने सभी को एक्शन लेने के लिए निर्देश दिए हैं। इस पर पूरे प्रदेश में सोमवार से सभी रेंज आईजी और पुलिस अधीक्षक सक्रिय होंगे। डीजीपी के निर्देश के बाद सभी पुलिस अधीक्षकों ने डीएसपी और निरीक्षकों को इस संबंध में धरपकड़ के निर्देश दिए हैं।
अवैध वसूली के आरोप में इंदौर क्राइम ब्रांच के टीआई धनेंद्र सिंह निलंबित
इंदौर क्राइम ब्रांच के थाना प्रभारी पुलिस निरीक्षक धनेंद्र सिंह भदौरिया को निलंबित कर दिया गया है। उन पर अवैध वसूली और अभद्र व्यवहार के लगतार आरोप लग रहे थे। इन आरोपों की जांच के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर के एक टीआई को लेकर पुलिस अफसरों को फटकार लगाई थी। तब से ही यह माना जा रहा है था कि उन तक धनेंद्र सिंह भदौरिया की अवैध और लोगों से जबरन वसूली करने की शिकायत पहुंची है। इस मामले में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त राजेश कुमार हिंगणकर ने उन्हें निलंबित कर दिया।