बागेश्वर
उत्तराकाशी जिले में द्रौपदी का डांडा चोटी पर आए एवलांच में लापता 27 पर्वतारोहियों के शव अब तक बरामद हो चुके हैं। अन्य शवों की तलाश में रेस्क्यू अभियान जारी है। वहीं बागेश्वर जिले में हिमालय क्षेत्र में ट्रैकिंग पर गए 122 ट्रैकर्स बारिश के कारण फंस गए हैं। वह मौसम खुलने का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि वह सुरक्षित हैं और जिला प्रशासन उनकी सेटेलाइट से पल-पल की जानकारी ले रहा है।
जनपद में उच्च हिमालयी क्षेत्र में कई ट्रैक रूट हैं। जहां ट्रैकरों का आना जाना लगा रहता है। इधर तीन दिन से तेज वर्षा हो रही है। मौसम विभाग ने अभी 12 अक्टूबर तक वर्षा की चेतावनी दी है। जिससे ट्रैकिंग में गए 122 ट्रैकर्स अलग-अलग सुरक्षित स्थानों में रुके हुए हैं। मौसम के सही होने का इंतजार कर रहे हैं। जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय से मिली जानकारी के अब तक कुल 159 ट्रैकर्स जनपद से होते हुए ट्रैकिंग पर गए। जिसमें से 51 ट्रैकर्स वापस पहुंच चुके हैं। जबकि 122 ट्रैकर्स अलग-अलग ट्रैकिंग रूट में सुरक्षित स्थानों में रुक गए हैं।
पिंडारी जीरो प्वाइंट में 15 ट्रैकर्स
जानकारी के अनुसार पिंडारी जीरो प्वाइंट में 15 ट्रैकर्स हैं। वहां स्थित सन्यासी बाबा की कुटिया में रुके हुए हैं। कठलिया में छह और खाती में 71 ट्रैकर्स रुके हैं। इसके अलावा मेंतोली में 16 ट्रैकर्स रुके हुए हैं। सभी ट्रैकर्स सुरक्षित हैं और मौसम सही होने का इंतजार कर रहे हैं।
हीरामणि ग्लेशियर से दल वापस लौटा
शिक्षकों का दल हीरामणि ग्लेशियर ट्रैक पूरा करके वापस लौट गया है। दल ने लगभग 50 किमी की पैदल यात्रा के ट्रैक को तीन दिन में पूरा किया। हीरामणि ग्लेशियर 3500 मीटर उंचाई पर स्थित है। ट्रैक से लौटे शिक्षकों में काफी उत्साह है।
सभी ट्रैकर सुरक्षित स्थानों पर
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि पंजीकरण करके गए सभी टैकर्स सुरक्षित जगहों पर रुके हुए हैं। कुछ ट्रैकिंग दलों से सेटेलाइट फोन के माध्यम से संपर्क हो रहा है। वर्षा रुकने पर सभी ट्रैकर्स वापस अपने गंतव्यों को वापस होंगे।