पद्मिनी का 78 की उम्र में ‘मिशन कश्मीर, जहां पति ने लड़ा था युद्ध वहीं जवानों को सिखा रहीं योग

 नागपुर
 
जिस उम्र में लोग रिटायर होकर घर बैठने की सोचते हैं, 78 साल की एक महिला मिसाल कायम कर रही हैं। इस महिला का नाम है पद्मिनी जोग। हाल ही में वह 12,300 फीट की ऊंचाई पर सेना के जवानों को योग सिखाने पहुंचीं। उनका योग कैंप सितंबर के दूसरे पखवाड़े में जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में लगाया गया था। 1600 से ज्यादा जवानों ने इस कैंप में हिस्सा लिया और इनमें से कई ऐसे जवान थे जो अग्रिम पोस्टों पर तैनात रहते हैं। खास बात यह रही कि इसी क्षेत्र में पद्मिनी के पति ने दो-दो बार युद्ध लड़ा था।

कुपवाड़ा में कैंप लगाना था खास
वैसे तो पद्मिनी दशकों से फ्री योग कैंप आयोजित कर रही हैं, लेकिन कुपवाड़ा में जवानों को योग सिखाना उनके लिए कुछ खास था। पद्मिनी के मुताबिक यह कैंप उनके दिल के बेहद करीब रहा। वजह, उनके पति स्वर्गीय कर्नल प्रताप जोग ने यहां 1965 और 1971 के युद्ध में हिस्सा लिया था। पद्मिनी ने कहा कि यह उनके जीवन के लक्ष्यों में से एक था। उन्होंने कहा कि इस उम्र में भी वह पहाड़ों पर बड़े आराम से चढ़ाई कर लेती हैं।

पति की मौत के बाद भी सिलसिला जारी
पद्मिनी ने 1980 में नागपुर के जनार्दनस्वामी योगाभ्यासी मंडल में योग का प्रशिक्षण लिया था। इसके बाद 2005 में उन्होंने योगगुरु रामदेव से हरिद्वार में भी प्रशिक्षण लिया था। इसके बाद उन्होंने आर्मी स्कूलों, एसोसिएशंस और सोसायटीज के लिए फ्री कैंप की शुरुआत की। साल 2014 में कर्नल जोग की मौत से पहले, पति-पत्नी ने मिलकर 562 कैंपों का आयोजन किया था। पद्मिनी के मुताबिक पति की मौत के बाद भी उन्होंने यह सिलसिला जारी रखा। पद्मिनी के मुताबिक अब ऐसे कैंपों की संख्या 950 हो चुकी है और मेरी इच्छा थी कि मैं अग्रिम चौकियों पर तैनात जवानों को योग का प्रशिक्षण दूं।

 

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