लखनऊ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के सभी नर्सिंग कॉलेजों की रेटिंग कराई जाएगी। नर्सिंग व पैरा मेडिकल ट्रेनिंग के बाद युवाओं को तत्काल रोजगार मिल जाएगा। इसके लिए पांच नर्सिंग संस्थानों का अस्पतालों के साथ करार भी किया गया है। उन्होंने कहा कालेज में फैकल्टी , लेबारेटरी व अन्य मानकों पर खरे उतरने वाले नर्सिंग कालेजों को मान्यता दी जाए। किसी की सिफारिश सुनने की जरूरत नहीं है।
सीएम ने यह बातें शनिवार को एसजीपीजीआई परिसर में मिशन निरामया अभियान का औपचारिक शुभारंभ करते हुए कहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 90 के दशक में कॅरियर के लिहाज से अगर आईटी सेक्टर सबसे प्राइम माना जाता था तो आज के दौर में नर्सिंग और पैरामेडिकल क्षेत्र शानदार अवसरों से भरा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण के नहीं होने का ही परिणाम रहा कि नर्सिंग स्टाफ के लिए राज्य सरकार ने 4700 पदों पर भर्ती निकाली। आवेदन आये 1 लाख 2 हजार लेकिन पास हुए केवल 3 फीसदी अभ्यर्थी। नियुक्ति लायक 2200 ही मिले। 12 संस्थानों का चयन कर उन्हें मेंटॉर बनाया जा रहा है। यह संस्थान अन्य नर्सिंग कॉलेजों को बेहतर होने के लिए मार्गदर्शन कराएंगे। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक , मुख्य सचिव डीएस मिश्र ,प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार, अटल बिहारी मेडिकल यूनिवर्सिटी के वीसी डॉक्टर संजीव मिश्रा मौजूद थे।
पैरामेडिकल स्टाफ की तैयार होगी फौज ब्रजेश
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा अस्पतालों में मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने की दिशा में प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है। डॉक्टरों के बाद अब नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ की फौज तैयार की जाएगी। ताकि मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके। इसके लिए सभी मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग की पढ़ाई होगी।
नर्सिंग कॉलेजों के प्रतिनिधि रहे मौजूद
नर्सिंग और पैरामेडिकल शिक्षा के लिए मिशन निरामया के शुभारंभ समारोह में स्टेट मेडिकल फैकल्टी के सचिव डॉक्टर आलोक कुमार, प्राइवेट नर्सिंग एंड पैरामेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर धनंजय सिंह ,महासचिव धर्मेंद्र गुप्ता, जय सिंह, डॉक्टर सुधीर चौहान ,डॉक्टर नीरज वशिष्ठ, देवेंद्र सिंह, डॉक्टर गायत्री सिंह, डॉक्टर आरएस दूबे, राजेश गुप्ता, अशोक जैन, संदीप गोयल एवम नर्सिंग एवम पैरामेडिकल कॉलेज के संचालक उपस्थित रहे।