कोझिकोड
केरल में एक सरकारी अस्पताल के डाक्टरों के खिलाफ महिला ने शिकायत दर्ज कराई है। पांच साल पहले डाक्टरों ने लापरवाही बरतते हुए सर्जरी के बाद चिमटी महिला के पेट में ही छोड़ दी थी। चिमटी महिला के पेट में पांच वर्ष तक रही। कोझीकोड निवासी हर्षिनिया 30 वर्षीय महिला ने पिछले महीने तेज दर्द के बाद 17 सितंबर को आपरेशन करवाकर इस चिमटी को हटवाया।
समाचार के मुताबिक केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जार्ज ने शिकायत पर कार्रवाई करते हुए जांच के आदेश दिए और स्वास्थ्य सचिव को जल्द ही एक रिपोर्ट सौंपने को कहा है। नवंबर 2017 में कोझीकोड मेडिकल कालेज में महिला की सर्जरी हुई थी। सर्जरी के बाद तेज दर्द होने लगा। कई डाक्टरों से संपर्क किया। एंटीबायोटिक दवाओं से दर्द कम हो गया था लेकिन पिछले छह महीनों से यह असहनीय हो गया था। डाक्टरों ने सीटी स्कैन के बाद बताया कि पेट में चिमटी थी। इसके बाद सरकारी मेडिकल कालेज के डाक्टरों ने सर्जरी के बाद चिमटी को बाहर निकाला।
सीजेरियन डिलीवरी के समय डॉक्टरों ने की लापरवाही
मिली जानकारी के मुताबिक, साल 2017 में नवंबर माह में कोझीकोड निवासी हर्षिनिया का तीसरी बार डिलीवरी के लिए यहां के कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में ऑपरेशन हुआ था। उसके पहले दोनो बार निजी अस्पताल में ऑपरेशन द्वारा उसकी डिलीवरी कराई गई थी।
पीड़िता ने बताया कि 'तीसरी सर्जरी के बाद, मुझे तेज दर्द होने लगा। मुझे लगा कि यह सीजेरियन सर्जरी के कारण है। इसके बाद मैंने कई डॉक्टरों से संपर्क किया। मुझे लगा कि या तो मुझे गुर्दे की पथरी है या किसी तरह का कैंसर है।' उन्होंने आगे बताया कि उस वक्त तो उन्होंने एंटीबायोटिक दवाओं आदि का इस्तेमाल किया, जिससे उनका दर्द कम हो जाता, लेकिन पिछले छह महीनों से दर्द और बढ़ गया था। उन्होंने यह भी बताया कि वह यूरिन इन्फेक्शन मूत्र संक्रमण से पीड़ित थी।