भोपाल
प्रदेश में अब 105 वर्गमीटर तक के आवासीय भूखंडों पर भवन निर्माण करने के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं काटना पड़ेगा और न ही अफसरों की मंजूरी का इंतजार करना पड़ेगा। शुल्क सहित आवेदन पत्र और शपथ पत्र के आधार पर ही निर्माण के लिए डीम्ड स्वीकृति मिल जाएगी।
नगरीय प्रशासन विभाग ने इसके लिए मध्यप्रदेश भूमि विकास नियमों में संशोधन कर दिया है। तुरंत या डीम्ड भवन निर्माण स्वीकृति के लिए आवेदक को निर्धारित प्रारुप में आवेदन करना होगा और इसके साथ शपथ पत्र भी प्रस्तुत करना होगा। यह डीम्ड अनुमति ग्राम निवेश विभाग द्वारा अनुमोदित नक्शों और स्थानीय निकायों द्वारा जारी विकास अनुमति पर लागू होगा। केवल व्यक्तिगत भूखंड धारत की तुरंत या डीम्ड स्वीकृति के लिए पात्र होंगे। ऐसी अनुमति कॉलोनाइजरों को जो भूखंड, फ्लैट, भवन विक्रय का आशय रखते है उन्हें जारी नहीं की जाएगी। प्रस्तावित भवन योजना इन नियमों के उपबंधों और स्वीकृत विकास योजना के अनुसार होना चाहिए। आवेदक भवन के निर्माण, परिनिर्माण द्वारा संरचनात्मक सुरक्षा को होंने वाले नुकसान या अन्य किसी क्षति के लिए संबंधित स्थानीय निकाय को क्षतिपूर्ति करेगा। आवेदक को तय शुल्क के अनुसार आवेदन शुल्क तथा सक्षम प्राधिकारी द्वारा लागू विकास शुल्क का भुगतान करना होगा। निर्माण पूर्ण होंने के बाद लिखित में सूचना देना होगा। शुल्क प्राप्त करते समय स्थानीय निकाय द्वारा किसी प्रकार का निरीक्षण, दस्तावेज परीक्षण नहीं किया जाएगा। किन्तु अपूर्ण दस्तावेज या अन्य कोई जानकारी यदि आवश्यक हो तो बाद में प्राप्त की जा सकेगी। आवेदन पत्र शुल्क सहित देना तथा शपथ पत्र दिया जाना स्वत: डीम्ड स्वीकृति होगा।
यदि नियमों अथवा विकास योजना के उपबंधों के अनुसार भवन योजना अथवा निर्माण कार्य नहीं किया जाता है तो तुरंत, डीम्ड भवन स्वीकृति स्वत: निरस्त हो जाएगी तथा अवैध निर्माण हटाने की कार्यवाई की जाएगी।
आवेदन के साथ यह देना होगा
की प्लान, साइट प्लान, सबडिवीजन, लेआउट प्लान और भवन योजना चार प्रतियोें में देना होगा। इसके अलावा सर्विस प्लान, लीगल राइट के सबूत दर्शाने वाले दस्तावेज, स्पेसीफिकेशन, पार्किँग की गणना के साथ पार्किंग योजना, आवेदन शुल्क की पावती, स्वयं के भूखंड पर आवासीय निर्माण की घोषणा। इसके अलावा शपथ पत्र जिसमें सारी जानकारी सही होंने की घोषणा करना होगा।