श्री महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद पर्यटक और श्रद्धालु विता सकेंगे परिसर में अधिक समय

भोपाल

पौराणिक नगरी उज्जैन में 4 साल की अवधि में श्री महाकाल लोक के प्रथम चरण के कार्य पूरे हो गए। यह मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की आमजन और प्रदेश के प्रति प्रतिबद्धता का परिचायक है। मार्च 2020 में श्री शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार ग्रहण करने के बाद श्री महाकाल लोक के प्रथम चरण के कार्यों को समय पर पूरा होने में देर नहीं लगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा इन कार्यों की निरंतर समीक्षा की गई।

श्री महाकाल लोक में गुजार सकेंगे पर्यटक अधिक समय

उज्जैन आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक भगवान महाकाल के दर्शन के बाद कुछ समय गुजार कर वापसी के लिए निकल जाते थे। अब उन्हें बेहतर परिवेश में एक विकसित प्रांगण में ज्यादा समय बिताने का अवसर मिलेगा। यहाँ रूद्र सागर के पुनरूद्धार और आकर्षक भित्ति चित्रों, शिव लीला पर आधारित मूर्तियों आदि के अवलोकन और अन्य विकसित स्थलों को कई घंटे देखने का संतोष और आनंद प्राप्त होगा। ज्यादा समय बिता कर वे अपनी यात्रा को सार्थक बना सकेंगे।

श्रद्धालु नवीन विकसित सुविधाओं का लाभ लेते हुए यात्रा को यादगार बना सकेंगे

श्री महाकाल लोक परिसर में यात्रियों के लिए अनेक सुविधाएँ विकसित की गई हैं। इन नवीन विकसित सुविधाओं का लाभ लेते हुए यहाँ आने वाले देशी-विदेशी पर्यटक और श्रद्धालु अपनी यात्रा को यादगार बना सकेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 5 अक्टूबर को जब उज्जैन प्रवास में प्रथम चरण के पूर्ण कार्यों को देखा तो वे भी इस बात से संतुष्ट थे कि निर्धारित मानकों के साथ गुणवत्तापूर्ण कार्य हुए हैं। उज्जैन में भगवान महाकाल के दर्शन के लिए आने वाले पर्यटक और श्रद्धालु ज्यादा सुख का अनुभव करेंगे। प्रति 12 वर्ष में सिंहस्थ के अवसर पर एक छोटे परिसर में दर्शन के लिए की जाने वाली व्यवस्थाओं को भी अब विशाल परिसर में बेहतर ढंग से करना आसान हो जाएगा।

मालवा क्षेत्र की अर्थ-व्यवस्था में आएंगे सकारात्मक परिवर्तन

श्री महाकाल लोक के विकास का लाभ उज्जैन नगर के साथ संपूर्ण मालवा क्षेत्र को मिलेगा। उज्जैन नगर के साथ मालवा अंचल के पर्यटक और श्रद्धालु संख्या बढ़ने से आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि का लाभ ले सकेगा। साथ ही पड़ोसी महानगर इंदौर से उज्जैन का बेहतर संबंध स्थापित होगा। इसके अलावा उज्जैन की हवाई पट्टी के विस्तार और इंदौर एयरपोर्ट पर विमानों के आने-जाने की संख्या में वृद्धि से संपूर्ण मालवा क्षेत्र के आर्थिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व में भी काफी वृद्धि होगी।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *