राज्य सरकार अब प्रदेशभर के तालाबों की पूरी कुंडली करेगी तैयार

 भोपाल

राज्य सरकार अब प्रदेशभर के तालाबों की पूरी कुंडली तैयार करेगी। हर जिले में अब कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला वेटलेंड समिति बनाई जाएगी। यह समिति जिले के तालाबों की सारी जानकारी एकत्रित करेगी और डेटाबेस तैयार कर उसका संधारण भी करेगी।

जिला वेटलेंड संरक्षण समिति राज्य और केन्द्र सरकार के तत्वाधान में वेटलेंड संरक्षण से संबंधित योजनाओं के क्रियान्वयन, मूल्यांकनप और निगरानी में राज्य वेटलेंड प्राधिकरण को सहयोग करेंगी। जिला वेटलेंड संरक्षण समिति जिले के किसी तालाब के संरक्षण एवं प्रबंधन से संबंधित सुझाव एवं तकनीकी प्रस्ताव राज्य वेटलेंड प्राधिकरण को भेज सकेगी। जिला वेटलैंड संरक्षण समिति राज्य वेटलैंड प्राधिकरण द्वारा निर्देशित अथवा स्वयं अपने स्तर पर चिन्हित किसी तालाब के संरक्षित प्रतिवेदन बनाने के लिए उत्तरदायी होगी जिला वेटलेंड समिति जिले में चिन्हित डिजिटल वेटलैंड इन्वेंट्री के अनुसार जिले के चिन्हित तालाबों की पहचान एवं उसकी मैदानी स्तर पर पुष्टि हेतु उत्तरदायी होगी। जिला वेटलेंड समिति जिले के परिस्थितिकीय और पर्यावरण दृष्टि से महत्वपूर्ण तालाबों की सूची बनाएगी और इसके लाभ की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करेगी। जिला समिति राज्य वेटलैंड प्राधिकरण के सुचारु संचालन हेते जिसे संबंधित सलाह एवं परामर्श देने काम करेगी। जिला समिति वेटलैंड तालाबों, नदी एवं अन्य स्रोतों जैसे प्राकृतिक संसाधनों से पर्यावरणीय संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण से संबंधित विषयों पर जनचेतना, नागरिक जागरुकता, प्रशिक्षण एवं क्षमता विकास हेतु समय-समय पर विश्व वेटलैंड दिवस , विश्व जल दिवस,  विश्व पृथ्वी दिवस, विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर कार्यक्र म आयोजित करेगी।

ये होंगे समिति के सदस्य
हर जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में वेटलेंड संरक्षण समिति बनेगी जिसमें मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ग्रामीण क्षेत्रों के लिए और आयुक्त नगर निगम, मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर निगम और नगर पालिका परिषद नगरीय क्षेत्रों के लिए सदस्य  सचिव होंगे। इसके अलावा जिला वन मंडलाधिकारी, जलसंसाधन, पीएचई के अधीक्षण यंत्री, नगर तथा ग्राम निवेश, मछलीपालन और कृषि विभाग के संयुक्त संचालक, मप्र  प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारीतथा राज्य वेटलेंड प्राधिकारण एप्को के अधिकारी सदस्य होंगे।  नदी तालाब संरक्षण से संबंधित दो विशेषज्ञ भी इसमें शामिल किए जाएंगे।

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