नई दिल्ली
भारत ने शुक्रवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में स्थिति पूरी तरह सामान्य होने के स्तर तक नहीं आई है और इसके लिए अभी कुछ कदम उठाए जाने बाकी हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने चीनी दूत सुन वेइदॉन्ग के दावे के कुछ दिन बाद यह टिप्पणी की है। वेइदॉन्ग ने कहा था कि पूर्वी लद्दाख में स्थिति समग्र रूप से स्थिर है क्योंकि दोनों पक्षों ने जून 2020 में गलवान घाटी में हुईं झड़पों के 'आपात कदम' उठाए, जिससे हालात सामान्य हो गए।
बागची से जब चीनी राजदूत की टिप्पणियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ''स्थिति के पूरी तरह सामान्य होने के लिए कुछ कदम उठाए जाने की जरूरत है।'' विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत इस बात पर कायम है कि वह सीमा पर सामान्य स्थिति बहाल होने के लिए तनाव कम होने के बाद सैनिकों की वापसी की उम्मीद करता है, जिससे दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंध सामान्य होने का मार्ग प्रशस्त हो सके।
उन्होंने कहा, ''हम वहां तक नहीं पहुंचे हैं। मैं यह नहीं कहना चाहूंगा कि स्थिति सामान्य है। कुछ सकारात्मक कदम उठाए गए हैं, लेकिन कुछ कदम अभी उठाए जाने बाकी हैं।'' बागची ने पिछले महीने की गई विदेश मंत्री एस जयशंकर की उस टिप्पणी का भी जिक्र किया, जिसमें कहा गया था कि पूर्वी लद्दाख में पेट्रोलिंग प्वाइंट-15 से भारत और चीन की सेनाओं का पीछे हटना सीमा पर 'एक समस्या कम' होने जैसा है।