एक तरफ है जापान-दक्षिण कोरिया और अमेरिका तो दूसरी तरफ किम जोंग उन

नई दिल्‍ली
उत्‍तर कोरिया की वजह से पूरे कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव का माहौल व्‍याप्‍त है। किम इस माह में छह मिसाइल परिक्षण कर चुका है। आगे भी इनके जारी रहने की पूरी आशंका जताई जा रही है। किम जोंग उन के आदेश पर लान्‍च की गई मिसाइलों का हिट टार्गेट हमेशा से ही जापान सागर रहा है। अक्‍सर ये मिसाइलें जापान के एक्‍सक्‍लूसिव जोन के पास गिरती हैं। जापान इन मिसाइल परिक्षणों को अपने लिए बड़ा खतरा मानता है। दक्षिण कोरिया जिसकी जमीनी सीमा उत्‍तर कोरिया से मिलती है वहां के सनकी शासक की वजह से हर वक्‍त चिंता में ही डूबा रहता है।

उत्‍तर कोरिया अमेर‍िका को मानता है खतरा
हालांकि, उत्‍तर कोरिया इस तनाव की वजह केवल अमेरिका को ही मानता है। इसमें उसको चीन भी समर्थन देता है। इन दोनों का कहना है कि अमेरिका की क्षेत्र में बेवजह मौजूदगी समूचे क्षेत्र में असुरक्षा और अशांति को जन्‍म देती है। आपको बता दें कि उत्‍तर कोरिया के मिसाइल परिक्षणों के मद्देनजर अमेरिका ने अपने युद्धपोत यूएसएस रोनाल्‍ड रीगन को दक्षिण कोरिया के पूर्व में जारी मिलिट्री ड्रिल में शामिल करने के लिए भेजा हुआ है। इस पर अब उत्‍तर कोरिया ने कड़ी प्रतिक्रिया भी दी है। देश की सरकारी न्‍यूज एजेंसी केसीएनए को दिए एक इंटरव्‍यू में एक सैन्‍य अधिकारी ने कहा है कि वो अमेरिका और दूसरे देशों की ड्रिल को देख रहा है।

मिलिट्री ड्रिल उत्‍तर कोरिया के खिलाफ साजिश
अधिकारी ने ये भी कहा है कि उत्‍तर कोरिया इस ड्रिल को अपने खिलाफ बिछाए जा रहे जाल या फिर षड़यंत्र के रूप में देखता है। उत्‍तर कोरिया का मानना है कि ये सभी युद्ध की तैयारी है जो उसको नुकसान पहुंचाने के लिए की जा रही हैं। इसी वजह से उत्‍तर कोरिया को ये पूरा हक है कि वो अपनी हिफाजत को लेकर सजग रहे और दुश्‍मन के खिलाफ अपनी पूरी तैयारी रखे। गौरतलब है कि 1 लाख टन से अधिक वजनी यूएसएस रोनाल्‍ड रीगन दो दिन पहले ही ड्रिल को ज्‍वाइन किया है। ये ड्रिल शनिवार को खत्‍म हो जाएगी। उत्‍तर कोरिया ने यहां तक कहा है कि यूएसएस रोनाल्‍ड रीगन की इस क्षेत्र में मौजूदगी उसके खिलाफ साजिश का प्रतीक है। इसका मकसद केवल उत्‍तर कोरिया का नुकसान पहुंचाने तक ही सीमित है। उत्‍तर कोरिया हर वक्‍त इस ड्रिल और इन तीनों देशों की स्थिति पर पैनी निगाह रखे हुए है।

 

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