नई दिल्ली
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में चीन के शिनजियांग प्रांत में मानवाधिकारों पर बहस को लेकर मसौदा प्रस्ताव लाया गया। पश्चिमी देशों की तरफ से लाए गए इस प्रस्ताव पर बहस के लिए एक ओर जहां 17 देश सहमत हुए, तो वहीं 19 से इनकार कर दिया। साथ ही भारत समेत 11 देश ऐसे भी थे, जो वोटिंग से गायब रहे। खास बात है कि शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र में मानवाधिकार पर चीन के खिलाफ जाने से इनकार करने में उन देशों का नाम शामिल है, जो भारत में इस मुद्दे को लेकर सवाल उठाते रहे हैं।
पहले देशों को समझें
कौन लाया प्रस्ताव: जिस समूह की तरफ से मसौदा लाया गया था। उनमें कनाडा, डेनमार्क, फिनलैंड, आईलैंड, नॉर्वे, स्वीडन, ब्रिटेन और अमेरिका का नाम शामिल है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया और लिथुआनिया भी इन देशों की सूची में शामिल रहे।
किसने दिया विरोध में मत: बोलिविया, कैमरून, चीन, क्यूबा, गैबोन, इंडोनेशिया, कजकस्तान, मॉरिशियाना, नामीबिया, नेपाल, पाकिस्तान, कतर, सेनेगल, सुडान, संयुक्त अरब अमीरात, उज्बेकिस्तान, वेनेजुएला
समर्थन में कौन: चेकिया, फ्रांस, जर्मनी, होंडुरस, जापान, लिथुआनिया, लक्समबर्ग, मार्शल आईलैंड्स, मोंटेनेग्रो, नीदरलैंड्स, पैराग्वे, पोलैंड, कोरिया गणराज्य, सोमालिया
कौन रहा गायब: अर्जेंटीना, आर्मेनिया, बेनिन, ब्राजील, गाम्बिया, भारत, लीबिया, मलावी, मलेशिया, मैक्सिको, यूक्रेन
इस्लामिक देश जो भारत पर उठा चुके हैं सवाल
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून में जनवरी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने जेनोसाइड वॉच की तरफ से भारत में मुसलमानों के मारे जाने को लेकर जारी चेतावनी का समर्थन किया था। कार्यालय का कहना था कि चेतावनी नरसंहार के 10 चरणों के साइंटिफिक मॉडल से निकाले गए डेटा के आधार पर थी। तत्कालीन प्रवक्ता असीम इफ्तिखार ने कहा था कि इस मॉडल के अनुसार, भारत ने सभी 10 चरणों को पार कर लियआ गया। साथ ही उन्होंने भारत में रहने वाली मुसलमानों की 20 करोड़ से ज्यादा आबादी की सुरक्षा पर चिंता जाहिर की थी।
इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी की पूर्व प्रवक्ता की तरफ से की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर कई इस्लामिक देशों ने आपत्ति जाहिर की थी। इनमें ईरान, कुवैत और कतर का नाम भी शामिल है। इन देशों ने भारत के सामने औपचारिक रूप से शिकायत दर्ज कराई थी। 57 देशों के समूह ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन (OIC) ने भारत से इस्लाम के प्रति बढ़ती नफरत और अपमान और भारतीय मुसलमानों के खिलाफ व्यवस्थित प्रथाओं को रोकने का आह्वान किया था।
UN रिपोर्ट में उइगर मुसलमानों के हाल चिंताजनक
अगस्त में मानवाधिकार के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त मिशेल बैशलेट की एक रिपोर्ट जारी हुई थी। उन्होंने चीन के शिनजियांग में उइगर मुसलमानों के हाल पर चिंता जाहिर की थी। खबरें आई थी कि बीजिंग की तरफ से रिपोर्ट को रोकने की कोशिशें भी की गई थी। उन्होंने रिपोर्ट में कहा था कि चीनी सरकार की तरफ से किए जा रहे उत्पीड़न मानवता के खिलाफ अपराध के बराबर हो सकते हैं। रिपोर्ट में जबरन हिरासत, बलात्कार, यातना, जबरन मजदूरी समेत कई बातों का जिक्र था।