लखनऊ
यूपी में विकास प्राधिकरणों को कर्मचारियों के पीएफ के पैसे का हिसाब देना होगा। उन्हें बताना होगा कि कार्मिकों के पीएफ का पैसा हर माह कितना और कहां जमा किया जा रहा है। आवास विभाग ने विकास प्राधिकरणों से इसकी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। प्रमुख सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण की अध्यक्षता में हुई बैठक में विकास प्राधिकरणों में कार्यरत कार्मिकों के पेंशन भुगतान और जमा किए जाने वाले उनके अंशदान को लेकर चर्चा हुई थी।
इस बैठक में पाया गया कि कुछ विकास प्राधिकरण समय से पीएफ अंशदान का पैसा जमा नहीं कर रहे हैं। इसमें आजमगढ़, बागपत, चित्रकूट, कपिलवस्तु, मिर्जापुर, मुजफ्फरनगर, उरई, सोभद्र और उन्नाव की स्थिति खराब पाई गई। सबसे अच्छी स्थिति अयोध्या, बस्ती, गोरखपुर, हापुड़ और सहारनपुर की पाई गई। इन विकास प्राधिकरणों ने अपने कर्मचारियों की जनवरी 2023 तक पूरी पेंशन धनराशि जमा कर दी है। प्रमुख सचिव आवास ने इसके आधार पर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्षों को निर्देश दिया है कि कर्मचारियों के पीएफ का पैसा उसके खाते में अनिवार्य रूप से जमा कराया जाए।
इसके साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि जो भी कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं उन्हें उनके सभी देयों का लाभ तुरंत दिया जाए, जिससे बार-बार उन्हें विकास प्राधिकरणों के चक्कर न लगाने पड़े। जिन विकास प्राधिकरणों ने समय से पीएफ का पैसा जमा नहीं किया है उनसे स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है। उनसे इसकी वजह पूछी गई है। इसके साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि आय से अधिक पैसा न खर्च किया जाए।