चेन्नई
कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार शशि थरूर के सामने समर्थकों का सूखा जारी रहा। गुरुवार को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में थरूर 700 से ज्यादा डेलीगेट्स का समर्थन हासिल करने पहुंचे थे, लेकिन उनसे मुलाकात के लिए चुनिंदा लोग ही पहुंचे। कांग्रेस के शीर्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को मतदान और 19 अक्टूबर को मतगणना होगी। शनिवार को नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख है। शुक्रवार को चेन्नई स्थित पार्टी मुख्यालय में थरूर की बैठक होनी थी। इस दौरान उन्होंने राज्य के 700 से ज्यादा डेलीगेट्स से समर्थन लेने की कोशिश की, लेकिन मीटिंग में केवल 12 के आसपास लोग शामिल हुए। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि थरूर की बैठक में शामिल होने को 'आधिकारिक' उम्मीदवार के खिलाफ जाने के तौर पर देखा जाता।
खास बात है कि वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को पार्टी का आधिकारिक उम्मीदवार माना जा रहा है। हालांकि, खबरें आई थीं कि अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने निष्पक्ष चुनाव की बात कही है। थरूर ने कहा, 'अगर वे मेरी बैठक में आने से डरते हैं, तो यह उनका नुकसान है। हमारी अच्छी बातचीत हो सकती थी।' उन्होंने कहा, 'गांधी परिवार ने साफ कर दिया है कि उनका कोई आधिकारिक उम्मीदवार नहीं है। हम यह मिथक दूर करेंगे कि खड़गे आधिकारिक उम्मीदवार हैं।' एक चैनल से बातचीत में थरूर ने कहा था कि सोनिया गांधी ने उन्हें कहा है, 'चुनाव लड़ने के लिए आपका स्वागत है।' पार्टी अध्यक्ष ने उन्हें भरोसा दिया कि कोई आधिकारिक उम्मीदवार नहीं होगा, क्योंकि उनका पूरा परिवार सामान्य रहेगा। खास बात है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में उम्मीदवारी का ऐलान करने वाले पहले नेता थे।
क्या पार्टी के नेता नहीं करना चाहते थरूर का समर्थन?
कांग्रेस प्रवक्ता रहे गौरव वल्लभ ने कुछ समय पहले तब उम्मीदवार माने जा रहे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थन में ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था, 'वहीं दूसरी तरफ शशि थरूर साहब हैं, जिनका पिछले 8 वर्षों में पार्टी के लिए एक ही प्रमुख योगदान है- कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी जी को तब चिट्ठियां भेजी जब वह अस्पताल में भर्ती थीं, इस कृत्य ने मेरे जैसे पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं को पीड़ा पहुंचाई। चयन बहुत सरल और स्पष्ट है।'
बातचीत में लोकसभा में कांग्रेस के चीफ व्हिप के सुरेश ने कहा, 'शशि थरूर को चुनाव नहीं लड़ना चाहिए। वह एक अंतरराष्ट्रीय व्यक्ति हैं।' उन्होंने कहा, 'यहां आम सहमति से उम्मीदवार चुना जाना चाहिए। हम अभी भी राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनने के लिए अनुरोध कर रहे हैं।' एक अन्य सांसद बेनी बेहनान ने कहा, 'मुझे नहीं लगता शशि थरूर लड़ेंगे और वह पार्टी आलाकमान के निर्देशों को मानेंगे।' इधर, थरूर को गृह राज्य केरल से भी खास समर्थन मिलता नहीं दिख रहा है। केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के सुधाकरण और वरिष्ठ नेता एके एंटनी समेत कई दिग्गज खड़गे के समर्थन में आ गए हैं।