जयपुर
राजस्थान में मुख्यमंत्री बदलने की चर्चा के बीच बगावत करने वाले दो मंत्रियो पर नोटिस की तीर फुस्स होते दिखाई दे रहे हैं। चर्चा है कि गहलोत समर्थक मंत्रियों पर कांग्रेस आलाकमान ने नरम रुख अपना लिया है। अब माफी की बात होने लगी है। दूसरी तरफ सचिन पायलट कैंप ने मौन व्रत धारण कर लिया है। पायलट कैंप की तरफ से बयानबाजी बंद है। चर्चा है कि कांग्रेस आलाकमान सीएम गहलोत को चेंज करना नहीं चाहता है। हालांकि, सीएम गहलोत कह चुके हैं कि सोनिया गांधी के निर्देश पर वह सीएम पद छोड़ देंगे। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के बाद राजस्थान के सियासी संकट की तस्वीर पूरी तरह से साफ होने के आसार है। पायलट समर्थकों का दावा कि सचिन पायलट को राजस्थान की कमान मिलने जा रही है। जबकि सीएम गहलोत के बदले हावभाव संकेत दे रहे हैं कि राजस्थान में कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है।
गहलोत समर्थकों पर नरमी के संकेत
कांग्रेस आलाकमान सीएम अशोक गहलोत समर्थकों को माफी दे सकता है। संकेत यही मिल रहे हैं। हालांकि, अभी निर्णय होना शेष है। कांग्रेस आलाकमान ने 25 सितंबर को मंत्री शांति धारीवाल और महेश जोशी को नोटिस दिया था। यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने नोटिस का जवाब दे दिया है, जबकि महेश जोशी और धर्मेँद्र राठौड़ के नोटिस का जवाब अब देने की तैयारी कर रहे हैं। अधिकृत बैठक से अलग विधायकों की बैठक बुलाने पर कांग्रेस आलाकमान ने अनुशासनात्कमक नोटिस दिया था। 27 सितंबर को कांग्रेस अनुशासन समिति ने इन विधायकों को 10 दिन के अंदर नोटिस का जवाब देने को कहा था, लेकिन हैरानी करने वाली बात यह है कि मुख्य सचेतक महेश जोशी को ईमेल के जरिए 6 अक्टूबर को नोटिस मिला है। इन तीनों नेताओं को 10 दिन के भीतर जवाब देने को कहा था। यह समय सीमा समाप्त हो रही है।
महेश जोशी और राठौड़ ने नहीं दिया जवाब
गहलोत समर्थक मंत्री शांति धारीवाल तो जवाब भेज चुके हैं,लेकिन महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ ने जवाब नहीं भेजा है। मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि उन्हें 6 अक्टूबर को कांग्रेस आलाकमान का कारण बताओ नोटिस मिला है। इस हिसाब से वह 10 दिन के भीतर नोटिस का जवाब अनुशासन समिति को दे देंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कांग्रेस आलाकमान गहलोत समर्थकों पर सख्ती करने के पक्ष में नहीं है। वजह यह है कि सीएम गहलोत ने सोनिया गांधी से स्पष्ट कह दिया है कि सख्ती करने पर सरकार गिर सकती है।