भोपाल
राज्य सरकार पहली बार एन्यूटी मॉडल पर प्रदेश की फेयर प्राइज शॉप बनवाने जा रही है। इसमें जमीन का स्वामित्व राज्य सरकार का रहेगा। उस पर बनी दुकान का स्वामित्व मध्यप्रदेश राज्य भंडारगृह निगम का रहेगा। दुकान का रखरखाव सामान्य नियंत्रण ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत और नगरीय क्षेत्र में नगरीय निकाय का होगा। दुकान का निर्माण निजी निवेशक के जरिए करवाया जाएगा। निवेशक इसमें अस्सी फीसदी राशि खर्च करेगा बीस फीसदी खर्च भंडारगृह निगम उठाएगा। फेयर प्राइज शॉप के साथ निजी निवेशक एक अतिरिक्त दुकान बना सकेगा और इसका पंद्रह वर्ष तक किराया निवेशक वसूल करेगा।
प्रदेश में पच्चीस हजार से अधिक उचित मूल्य की दुकाने संचालित की जाती है। ये दुकाने सहकारी समिति, स्वसहायक समूह उपभोक्ता भंडार के द्वारा उपलब्ध किए गए स्थान, दुकान में संचालित होती है। इन दुकानों पर पर्याप्त भंडारण की सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण आवंटित खाद्यान्न के पूर्ण भंडारण की समस्या रहती है। प्रतिदिन उपभोक्ताओं के लिए बैठने के स्थान का सर्वथा अभाव रहता है। इसमें एकरुपता भी नहीं रहती है। पर्याप्त स्थान वाली एक समान दुकानों के निर्माण के लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग यह योजना शुरु करने जा रहा है। इसके लिए सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी किए गए है। योजना के अंतर्गत प्रस्तावित दुकानों की सूची तैयार कर खाद्य संचालक के जरिए राज्य भंडारगृहनिगम को 15 अक्टूबर तक भेजना है। 31 अक्टूबर तक दुकानों के निर्माण के लिए उपयुक्त भूमि को चिन्हांकित करना है। 30 नवंबर तक इस जमीन को खाद्य विभाग को आवंटित करने की कार्यवाही कलेक्टरों को करना है। जिन जिलों से लक्ष्य प्राप्त नहीं होंगे उनके लक्ष्य अन्य जिलो को आवंटित कर दिए जाएंगे। प्रस्ताव आने पर नवंबर माह में भंडारगृह निगम इसके लिए निविदाएं जारी करेगा।
पांच हजार वर्गफीट जमीन मिलेगी नि:शुल्क, 13.50 लाख में बनेगी एक दुकान
दुकान बनाने के लिए चार से पांच हजार वर्गफीट जमीन खाद्य विभाग को नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। एक दुकान के निर्माण पर तेरह लाख पचास हजार रुपए का खर्च आएगा। इसमें बीस प्रतिशत खर्च राज्य भंडारगृह निगम उठाएगा। शेष खर्च निवेशक को उठाना होगा। निर्माण कार्य की गुणवत्ता की निगरानी के लिए थर्ड पार्टी निरीक्षण भी कराया जाएगा। शासन द्वारा अनुमोदित स्पेसिफिकेशन और डिजाईन पर दुकान निर्माण करना होगा। छह माह में दुकान बनाना होगा। निर्माण पूरा होंने पर बीस फीसदी राशि भंडारगृह निगम देगा। फेयर प्राइज का संचालन सोसायटी, एसएचजी और अन्य एसएचजी द्वारा किया जाएगा। संचालन करने वाली एजेंसी हर माह दस प्रतिशत राशि दुकान सह गोदाम के किराए के रुप में भंडारगृह निगम को देगा। नागरिक आपूर्ति निगम एजेंसी को देय कमीशन में से दस प्रतिाश्त राशि काटकर सीधे भंडारगृह निगम को देगा। इसके लिए सभी संबंधित पक्षों के बीच एक अनुबंध भी किया जाएगा।
पांच सौ करोड़ में बनेंगी साढ़े तीन हजार दुकानें
भंडारगृह निगम ने पहले चरण में सौ करोड़ का बजट प्रावधान किया है। चार सौ करोड़ निजी निवेशकों से जुटाए जाएंगे। पांच सौ करोड़ से 3 हजार 500 उचित मूल्य की दुकाने एन्युटी मॉडल पर बनाई जाएंगी।