दुबई में नए हिंदू मंदिर का उद्घाटन हुआ ,16 देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित

दुबई

     दशहरा से एक दिन पहले चार अक्टूबर को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के दुबई में एक नए हिंदू मंदिर का आधिकारिक तौर पर उद्घाटन किया गया. भारत के शीर्ष गणमान्य लोगों की मौजूदगी में इस भव्य मंदिर के कपाट आधिकारिक तौर पर खोल दिए गए. यह हिदू मंदिर जेबेल अली में अमीरात के कॉरिडोर ऑफ टॉलरेंस में स्थित है. मंदिर 70,000 वर्ग फुट क्षेत्र में फैला हुआ है. मंदिर के उद्गाटन समारोह में 200 से अधिक गणमान्य लोग मौजूद रहे.

इनमें यूएई के मिनिस्टर ऑफ टॉलरेंस शेख नाहयान बिन मुबारक अल नाहयान, यूएई में भारत के राजदूत संजय सुधीर, सोशल रेगुलेटरी एंड लाइसेंसिंग एजेंसी फॉर कम्युनिटी डेवलपमेंट अथॉरिटी (सीडीए) के सीईओ डॉ. उमर अल मुथन्ना, दुबई हिंदू मंदिर के ट्रस्टी राजू श्रॉफ शामिल थे. इस मंदिर की खास बात यह भी  है कि इसके परिसर में चर्च, गुरुद्वारा सहित कई धार्मिक स्थल हैं.
 

मंदिर के उद्गाटन समारोह को संबोधित करते हए राजदूत संजय सुधीर ने कहा, यह भारतीय समुदाय के लिए एक स्वागत योग्य खबर है कि आज दुबई में नए हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया जा रहा है. इससे यूएई में रह रही हिंदुओं की एक बड़ी आबादी की धार्मिक आकांक्षाओं की पूर्ति हगी. यह नया मंदिर एक गुरुद्वारे से सटा हुआ है, जिसे 2012 में खोला गया था.

दुबई का यह हिंदू मंदिर सभी धर्मों के लिए एक आध्यात्मिक हब है. मंदिर में हिंदू धर्म के 16 देवी-देवताओं की मूर्तियों की स्थापना के साथ एक ज्ञान कक्ष और अन्य धार्मिक गतिविधियों के लिए सामुदायिक केंद्र है.

मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, यह नया हिंदू मंदिर सुबह 6.30 बजे से रात आठ बजे तक भक्तों के लिए खुला रहेगा. मंदिर में दैनिक आधार पर 1000 से लेकर 1200 लोग इकट्ठा हो सकते हैं.

इस हिंदू मंदिर की योजना, आर्किटेक्चर और निर्माण में अहम योगदान निभाने वाले हिंदू समुदाय के नेता और रीगल ग्रुप ऑफ कंपनीज के सीईओ राजू श्रॉफ का कहना है कि कोविड-19 के बावजूद दुबई सरकार के सहयोग की वजह से मंदिर के निर्माण में कोई बाधा नहीं आई. यह हिंदू मंदिर वास्तव में दुबई सरकार के सहयोग का उदाहरण है. दुबई में 1958 में पहला हिंदू मंदिर बनकर तैयार हुआ था. उसके बाद से अब इस नए मंदिर के खुलने तक हम दुबई सरकार के आभारी हैं.
 

बता दें कि यह मंदिर दुबई का दूसरा हिंदू मंदिर है. यहां का पहला हिंदू मंदिर 1958 में तैयार हुआ था.

यूएई में भारत के राजदूत ने कहा, हम सम्मानित महसूस कर रहे हैं कि यूएई के टॉलरेंस मंत्री शेख नाहयान बिन मुबारक अल नाहयान ने आज दुबई में नए हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया. हम मंदिर के निर्माण के लिए जमीन देने के लिए दुबई सरकार की परोपकारिता के आभारी हैं.
 

बता दें कि 1958 में दुबई में भारतीय समुदाय के सिर्फ 6,000 लोग रहते थे जबकि आज के समय यह आंकड़ा 33 लाख है. ये लोग दुबई को अपना दूसरा घर मानते हैं.

क्या है मंदिर की खासियत

दुबई के इस नए मंदिर में हिंदू धर्मके 16 देवी, देवताओं की मूर्तियां लगी हैं. मंदिर के ट्रस्टीज का कहना है कि इन मूर्तियों का डिजाइन मंडला से प्रेरित है. मंदिर के आर्किटेक्टर कंसल्टेंट सुभाष बोइते ने अपने 45 साल के अनुभवों का इस्तेमाल कर इस मंदिर के निर्माण में अहम भूमिका निभाई है.

मंदिर में क्यूआर कोड अपॉइन्टेंट सिस्टम का इस्तेमाल कर लगभग दो लाख लोगों ने मंदिर का दौरा किया था. इस साल के अंत तक एक विशेष सामुदायिक केंद्र होगा, जहां प्रार्थनाएं, शादी, नामकरण जैसे हिंदू कार्यक्रम हो सकेंगे.

मंदिर की पहली मंजिल पर प्रार्थना सभागार होगा, जहां हिंदुओं के 16 देवी, देवताओं की पूजा की जाएगी. इसके साथ ही सिखों की पवित्र किताब गुरु ग्रंथ साहिब को रखने के लिए एक अलग कक्ष भी होगा.

इन क्षेत्रों में 4,000 वर्ग फुट का बैंक्वेट हॉल, एक मल्टीपर्पस कक्ष और ज्ञान कक्ष शामिल है, जो ग्राउंड फ्लोर पर है. सामुदायिक हॉल और ज्ञान कक्ष में कई एलसीडी स्क्रीन भी इंस्टॉल किया जाएगा.

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