उत्तरकाशी.
उत्तरकाशी जिले के द्रौपदी डांडा-2 में हुए एवलांच हादसे में बुधवार को वायुसेना के हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू अभियान चलाया गया. अब तक कुल 14 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है. इनमें छह घायलों को मातली हेलीपैड से जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है. हालांकि सभी को सामान्य चोटें आई हैं. आठ लोगों को हर्षिल से मातली हेलीपैड लाया जा रहा है. आपदा प्रबधन अधिकारी ने बताया कि सभी आठ लोग स्वस्थ हैं, जिनको निम ((NIM)) भेजा जा गया.
बता दें, उत्तरकाशी जिले (Uttarakhand) में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM) के एडवांस प्रशिक्षण कोर्स के दौरान द्रौपदी का डांडा-2 (डोकरानी बामक ग्लेशियर क्षेत्र) में दुखद घटना घटी है. द्रौपदी डांडा ( height 5670 m.) में मंगलवार को सुबह 41 प्रशिक्षणार्थियों का दल हिमस्खलन (avalanche) की चपेट में आ गया. हादसे में 25 लोग अभी लापता बताये जा रहे है जबकि अन्य का रेस्क्यू का कार्य जारी है.
वायुसेना के हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू
द्रौपदी डांडा पर्वत चोटी उत्तरकाशी के भटवाड़ी ब्लॉक में भुक्की गांव के ऊपर स्थित है. उत्तरकाशी जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक राज्य सरकार ने दल के रेस्क्यू के लिए वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर द्रौपदी डांडा में रेस्क्यू अभियान चलाए हुए हैं. इस घटना में एवरेस्ट विजेता सविता और भुक्की गांव की नौमी की भी मौत हो गयी है.
इन पर्वतारोही की हुई मौत
उत्तरकाशी के लोंथरु गांव की निवासी पर्वतारोही सविता कंसवाल और नौमी रावत की निम हादसे में मौत हो गई है. सविता ने इसी साल मई माह में 15 दिन के अंदर एवरेस्ट और माउंट मकालू पर्वत सफल आरोहण कर नेशनल रिकॉर्ड अपने नाम किया था. मंगलवार सुबह द्रौपदी का डांडा चोटी में निम के एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स में गए प्रशिक्षकों में शामिल पर्वतारोही सविता की एवलांस में दबने से मौत हो गई.