नई दिल्ली जयपुर
सचिन पायलट पर अशोक गहलोत कैंप की ओर से लगातार हमला बोलने वाले मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का रुख अब बदला नजर आ रहा है। खाचरियावास ने सचिन पायलट से लंबी मुलाकात की, लेकिन बाहर आने के बाद कुछ नहीं कहा। सचिन पायलट की ओर से भी इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की गई, लेकिन कयास जरूर लगने लगे। प्रताप सिंह खाचरियावास को अशोक गहलोत का वफादार माना जाता है और सचिन पायलट से उनकी मुलाकात ने राजस्थान की सियासत में रुख बदलने के संकेत दिए हैं। खाचरियावास के अलावा राजेंद्र गुढ़ा ने भी सचिन पायलट से मुलाकात की है।
इन दोनों नेताओं से मुलाकात के बाद सचिन पायलट मंगलवार शाम को ही दिल्ली पहुंच गए। माना जा रहा है कि अब दिल्ली में वह हाईकमान से मिलकर राजस्थान के मामले पर चर्चा कर सकते हैं। अब दशहरे के बाद ही सचिन पायलट जयपुर लौटने वाले हैं। पायलट कैंप के सूत्रों के मुताबिक अशोक गहलोत खेमे के लोगों की मुलाकात से यह संकेत मिल रहा है कि शायद उन्हें सत्ता परिवर्तन का डर है। राजनीतिक माहौल बदलने की आहट अशोक गहलोत खेमे के नेताओं को महसूस हुई और इसी वजह से वे पायलट से संपर्क साध रहे हैं।
जल्द बुलाई जाएगी विधायक दलों की मीटिंग, पारित होगा प्रस्ताव
पायलट कैंप के नेताओं का तो यह भी दावा है कि कांग्रेस विधायक दल की जो मीटिंग 24 सितंबर को होनी थी, वह एक बार फिर से जल्दी ही बुलाई जाएगी। इस बैठक में एक लाइन का प्रस्ताव पारित कराया जा सकता है कि राज्य में सीएम का फैसला हाईकमान को करने के लिए अधिकृत किया जाता है। 24 सितंबर को यह प्रस्ताव पारित नहीं हो सका था और अशोक गहलोत खेमे के 82 विधायकों ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया था। इसके बाद बवाल मच गया था और अशोक गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव से हटना पड़ा।
अशोक गहलोत के रुख ने भी दी है बदलाव को हवा!
यही नहीं हाईकमान 82 विधायकों के बगावती रुख से नाराज हो गया था। इसके चलते अशोक गहलोत बैकफुट पर आ गए और सोनिया गांधी से मिलकर उन्होंने माफी मांगी थी। इसके बाद अशोक गहलोत ने कहा था कि वह कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में नहीं हैं और सीएम को लेकर भी उन्होंने कहा था कि इस पर हाईकमान को फैसला लेना है। यही नहीं केसी वेणुगोपाल का भी कहना था कि अगले कुछ दिनों में राजस्थान में नए सीएम को लेकर फैसला हो जाएगा।