भोपाल
अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिहाज से रातापानी में हुई भाजपा की बैठक को काफी अहम माना जा रहा है। बैठक में उन नेताओं को सख्त हिदायत दी गयी जो बेवजह की बयानबाजी कर रहे हैं। वहीं मंत्रियों को अपने प्रभार वाले जिलों में रात गुजारनी होगी।
सूत्रों के अनुसार,बैठक में मैदानी स्तर के साथ ही वरिष्ठ व जिम्मेदार नेताओं के कामकाज में कसावट पर जोर दिया गया। खासक र उन नेताओं को सख्त हिदायत दी गई है जो बेफिजूल की बयानबाजी कर पार्टी के लिए समस्या खड़ी करते रहे हैं। दरअसल,पार्टी लाइन के विपरीत की गई बयानबाजी से पार्टी की छवि को भी धक्का पहुंचता है। मसलन,हाल ही में एक सांसद ने बच्चे बेचकर पुलिस वालों को रिश्वत दिए जाने की बात कही थी। इसका संबंधित गांवों के लोगों ने ही विरोध किया। इससे पहले एक मंत्री ने मुख्य सचिव पर निशाना साधते हुए उन्हें निरंकुश बता दिया। हाल ही में भिंड के एक नेता ने नेता प्रतिपक्ष का नाम लिए बिना उन्हें रावण बता डाला। इस तरह के बयान कहीं ने कहीं पार्टी के लिए मुसीबत पैदा करने वाले होते हैं। बैठक में ऐसे नेताओं पर अंकुश लगाने का निर्णय लिया गया। बताया जाता है कि ऐसे लोगों को पहले चेतावनी दी जाएगी। इसके बाद भी वह आदत से बाज नहीं आते तो पार्टी उनके खिलाफ भी बड़ा एक्शन ले सकती है।
मंत्री करेंगे मैदानी दौरा,गुजारेंगे रात
मुख्यमंत्री के बार-बार के निर्देशों के बावजूद अनेक मंत्री लगातार अपने प्रभार वाले जिलों के दौरे पर जाने से बच रहे हैं। बैठक में इस विषय पर भी गंभीरता से विचार करते हुए मंत्रियों को प्रभार वाले जिलों का अनिवार्य तौर पर दौरा करने व यथासंभव संबंधित जिले में ही रात गुजारने व लोगों से संवाद करने पर जोर रहा। इस दौरान प्रभारी मंत्री ज़मीनी फ ीडबैक सरकार के साथ साथ संगठन तक भी पहुंचाएंगे।
मुख्यमंत्री करेंगे कार्यकर्ताओं से संवाद
सूत्रों के अनुसार, बैठक में एक प्रस्ताव ये भी आया कि मुख्यमंत्री स्वयं हर जिले के कम से कम 25 कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करेंगे। इस दौरान वह उनके साथ भोजन भी कर सकते हैं। इस पूरी कवायद का उद्देश्य 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करना है। सूत्रों की मानें तो पार्टी में कुछ बड़े फैसले एक पखवाड़े के भीतर लिए जा सकते हैं। बताया जाता है कि राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने बैठक में मौजूद सभी मंत्रियों एवं पदाधिकारियों से खुलकर अपनी बात रखने के लिए कहा। इसके बाद कुछ मंत्रियों एवं नेताओं ने अपनी बात रखी। बैठक में मिले फीडबैक से केंद्रीय नेतृत्व को भी अवगत कराया गया।