ताइपेई
चीन की तल्खी का सामना कर रहे ताइवान ने अपनी बात दुनियाभर तक पहुंचाने का नया रास्ता खोजा है। सोमवार को देश के पहले अंग्रेजी भाषी चैनल की शुरुआत हो गई है, जिसमें न्यूज, लाइफस्टाइल और एंटरटेनमेंट से जुड़ा कंटेंट दिखाया जाएगा। खास बात है कि अमेरिकी राजनेता नैंसी पेलोसी के दौरे के बाद चीन ने खासतौर से ताइवान की ओर अपनी प्रतिक्रिया तेज कर दी थी।
खास बात है कि सरकार समर्थित 'ताइवानप्लस' ने बीते साल ही ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के तौर पर काम शुरू कर दिया था। राष्ट्रपति साई इंग-वेन भी चैनल का काफी समर्थन करती हैं। लॉन्च सेरेमनी पर उन्होंने कहा कि चैनल ने पहले ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ताइवान की तस्वीर को बड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा, 'ताइवान की कहानियों को दुनिया के साथ साझा किया जाना चाहिए।'
वेन ने कहा, 'जब दुनियाभर में ज्यादा से ज्यादा लोग ताइवान में दिलचस्पी ले रहे हैं, तो यह सबसे ज्यादा जरूरी हो गया है कि हमारे पास ताइवान को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने लाने के लिए एक प्लेटफॉर्म हो।'
ताइवान के संस्कृति मंत्री ली युंग-ते ने कहा कि चीन की तरफ से द्वीप को लेकर की जा रही बातों का सामना करने के लिए ताइवान को तैयार रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारी आवाज पूरी तरह से सुनी नहीं गई है। चीन लगातार यह बताता है कि ताइवान चीन का हिस्सा है और कई लोग इसपर भरोसा करते हैं। आप उन्हें बताते हैं कि ऐसा नहीं है और वे पूछते हैं, क्यों?'
ली ने कहा, 'इसलिए भविष्य में हम यह बताने के लिए कि ऐसा क्यों है, हम ताइवान के अपने मीडिया का इस्तेमाल करेंगे।' फिलहाल, यह चैनल ताइवान में ही उपलब्ध हैं, लेकिन ली का कहना है कि वह वे अगले 6 महीनों में इसे अमेरिका में भी लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि, ताइवान में पहले भी अंग्रेजी भाषी मीडिया मौजूद है। इनमें सबसे बड़ा नाम ताइपेई टाइम्स है, जिसकी शुरुआत 1999 में हुई थी।