नई दिल्ली
हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित देश का पहला स्वदेशी हेलीकॉप्टर सैन्य बेड़े में शामिल हो गया है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) भी स्वदेशी घातक हथियारों की खेप तैयार करने में जुटा है। आइए जानते हैं ऐसे ही स्वदेशी हथियारों के बारे में जो भविष्य में दुश्मन का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सेना की ताकत बनने वाले हैं।
आसमान पर भी बढ़ेगी सेना की ताकत
स्वदेशी एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट व एलसीए एमके-1ए और एमके-2 वायुसेना और नौसेना की ताकत बनेंगे। 114 स्वदेशी एयरक्राफ्ट बेड़े में शामिल होंगे। एलसीए एमके-2, मिराज 2000 व जगुआर की जगह लेगा।
ER-ASR: समुद्र की गहराइयों में वार
समुद्र की गहराइयों में दुश्मन को धूल चटाने के लिए डीआरडीओ ने एक्सटेंडेंड रेंज, एंटी सब मैरिन रॉकेट तैयार किया है। समुद्र के भीतर आठ किलोमीटर दूर तक मौजूद दुश्मन के पनडुब्बी और दूसरे युद्धपोत को विध्वंस कर सकता है।
ATAGS: 15 सेकंड में तीन राउंड फायरिंग
एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम 155 एमएम की तोप जैसी आधुनिक आर्टिलरी बंदूक है। 2013 से निर्माण चल रहा है और दो बार परीक्षण हो चुका है। 48 किलोमीटर दूर तक मार सकती है। रात में भी कारगर ब्रस्ट मोड में 15 सेकंड में तीन राउंड फायर कर सकता है। इसे चलाने के लिए छह से आठ सैनिकों की जरूरत होगी।
प्रीफ्रैग्मेंटेड: बम 500 किलोग्राम वजनी बम से तबाही
डीआरडीओ और आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट इस्टैब्लिशमेंट (एआरडीई) ने इसे तैयार किया है। 500 किलोग्राम वजनी ये बम रूस और जगुआर एयरक्राफ्ट से आसानी से छोड़ा जा सकता है। जहां भी यह फटेगा वहां कुछ नहीं बच सकेगा। ‘बॉडी बम’ से खड़े एयरक्राफ्ट, लड़ाकू वाहन और सैन्य कैंप को नष्ट किया जा सकता है।
CSWS: कोने में छिपे दुश्मन पर हमला
कॉर्नर शॉट वेपन सिस्टम से कोने में छिपे दुश्मन के बिना सामने गए अंत संभव है। मुठभेड़ में सैनिक दिन और रात कभी भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें अत्याधुनिक कैमरा, न दिखने वाला लेजर, लेजर से निशाना लगाने वाला यंत्र, कलर एलसीडी मॉनीटर और दुश्मन को चकमा देने के लिए फ्लैशलाइट भी लगी है।