लखनऊ
लखनऊ के दुब्बगा इलाके के अमन हॉस्पिटल में इंटर पास युवक वहां भर्ती दो मरीजों का इलाज करते मिले। रविवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने हॉस्पिटल पर छापा मारकर कई अनियमितताएं पकड़ीं। अस्पताल में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। दो मरीज भर्ती मरीजों का इलाज करते युवकों के पास मेडिकल क्षेत्र का कोई अनुभव नहीं पाया गया। उनकी शैक्षिक योग्यता भी सिर्फ इंटरमीडिएट पाई गई। अस्पताल की फार्मेसी का लाइसेंस भी नहीं था। गंदगी के अलावा आग से बचाव के भी इंतजाम नहीं थे। टीम ने अस्पताल संचालन पर रोक की संस्तुति की है। यहां मिले दोनों मरीजों को सरकारी अस्पताल में भर्ती के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही सीएमओ ने सभी अस्पतालों, नर्सिंग होमों, लैबों और डायग्नोस्टिक सेंटरों के संचालकों को डॉक्टरों का ब्योरा फोटो अपने संस्थान के गेट पर लगाने का निर्देश दिया है।
सितम्बर में आईजीआरएस पोर्टल पर अमन हॉस्पिटल में अनियमितताओं की शिकायत की गई थी। आरोप था कि यहां कोई प्रशिक्षित डॉक्टर नहीं है। इलाज के नाम पर मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। सीएमओ के निर्देश पर सिल्वर जुबली यूनिट की प्रभारी डॉ. प्रियंका, एडिशनल सीएमओ डॉ. अनूप श्रीवास्तव ने छापा मारा। दो मरीज भर्ती मिले, जिनमें एक झुलसा था, दूसरे मरीज का ऑपरेशन हो चुका है।
पूछताछ में पता चला कि मरीज का दूसरे अस्पताल में ऑपरेशन कराकर यहां भर्ती किया गया है। अस्पताल में मौके पर एक एएनएम भी मिली। एडिशन सीएमओ अनूप श्रीवास्तव का कहना है अस्पताल का संचालक अबरार बीयूएमएस डॉक्टर हैं। उनके द्वारा अभी तक संचालन से जुड़े दस्तावेज नहीं दिये गए हैं। निरीक्षण में यहां ऑपरेशन सुविधा नहीं है, फिर भी एक मरीज सर्जरी के बाद भर्ती मिला। अस्पताल में बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण की व्यवस्था नहीं थी। फार्मेसी लाइसेंस नहीं था।