नई दिल्ली
पाकिस्तान के पूर्व पीएम और पीटीआई चीफ इमरान खान को कोर्ट ने न्यायपालिका के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी पर आखिरकार इस्लामाबाद हाईकोर्ट से माफी मिल गई। ये माफी उन्हें कोर्ट में लिखिततौर पर अपना माफीनामा दायर करने के बाद मिली है। कोर्ट ने पीटीआई चीफ के नाम जारी समन को भी अब खारिज कर दिया है। हालांकि यहां पर सरकार की मंशा पर पानी फिर गया है ।दरअसल, सरकार चाहती थी कि अवमानना के मामले में कोर्ट से इमरान खान को सजा मिलती या फिर वो अयोग्य करार दे दिए जाते। लेकिन कोर्ट में सरकार की एक नहीं चली।
न्यायपालिका के खिलाफ दिया था बयान
बता दें कि 20 अगस्त की एक रैली में इमरान खान ने सेशन जब जेबा चौधरी के खिलाफ गलत बयानबाजी की थी। उन्होंने ये बयानबाजी जज द्वारा उनकी पार्टी के नेता को रिमांड पर भेजने के आदेश के बाद की थी। उन्होंने कहा था कि जब उनकी सरकार आएगी तो वो जेबा साहिबा को देख लेगी। उनके इस बयान पर काफी हो-हल्ला भी हुआ था।
लार्ज बैंच का फैसला
हाईकोर्ट की लार्ज बैंच के सामने इमरान खान के वकील ने बताया कि वो पीटीआई चीफ का तीसरा माफीनामा कोर्ट को पेश कर चुके हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि ये उन्होंने पढ़ा है। इसमें यदि कुछ और कहना चाहते हैं तो वो कोर्ट को बताएं। कोर्ट ने कहा कि पहली निगाह में ये कोर्ट की अवमानना का मामला है, लेकिन इमरान खान ने इस पर माफी मांग ली है इसलिए इसको अब खत्म किया जा रहा है। कोर्ट ने ये भी कहा कि हमें कोर्ट के खिलाफ कुछ भी बोलते हुए सोचने की जरूरत होती है। कोर्ट ने ये भी कहा कि इमरान खान को इस मामले में माफी दिया जाना आम बात नहीं है।
सरकार ने किया विरोध
हालांकि कोर्ट के इस फैसले का अटार्नी जनरल ने विरोध भी किया। इस पर कोर्ट ने उन्हें एक लिखित आवदेन करने को भी कहा है। कोर्ट के फैसले के बाद इमरान खान ने कहा कि ये फैसला सुनाने वाले जस्टिस अथर मिनाल्लाह ने पहले भी कई ऐतिहासिक फैसले दिए हैं। उन्होंने पत्रकारों से ये भी कहा कि यदि कोर्ट उन्हें आगे भी बुलाएगा तो वो कोर्ट में जरूर पेश होंगे। इससे पहले कोर्ट ने उन्हें इस मामले में जमानत दी थी।