टोक्यो:
उत्तर कोरिया के आज किए गए मिसाइल परीक्षण ने अमेरिका की नींद उड़ा दी है। आनन-फानन में अमेरिकी नौसेना के सातवें बेड़े ने जापान सागर में दक्षिण कोरिया और जापान की नौसेनाओं के साथ महा युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है। इस युद्धाभ्यास में अमेरिकी नौसेना की परमाणु शक्ति संचालित पनडुब्बियों, यूएसएस रोनाल्ड रीगन एयरक्राफ्ट कैरियर के अलावा जापान और दक्षिण कोरिया के कई विध्वंसक और क्रूजर हिस्सा ले रहे हैं। इस युद्धाभ्यास में एंटी सबमरीन वॉरफेयर, एंटी माइन वॉरफेयर के अलावा, मिसाइल हमले को डिटेक्ट करने और जवाबी कार्रवाई की ट्रेनिंग ली जाएगी। 2017 के बाद यह पहला मौका है, जब जापान सागर में तीनों देशों की नौसेनाएं एक एयरक्राफ्ट कैरियर के साथ युद्धाभ्यास कर रही हैं।
कितना शक्तिशाली है यूएसएस रोनाल्ड रीगन
अमेरिका के सुपरकैरियर्स में यूएसएस रोनाल्ड रीगन को बहुत ताकतवर माना जाता है। परमाणु शक्ति से चलने वाले इस एयरक्राफ्ट कैरियर को अमेरिकी नौसेना में 12 जुलाई 2003 को कमीशन किया गया था। जापान का योकोसुका नेवल बेस इस एयरक्राफ्ट कैरियर का होमबेस है। यह कैरियर स्टाइक ग्रुप 11 का अंग जो अकेले अपने दम पर कई देशों को बर्बाद करने की ताकत रखता है। 332 मीटर लंबे इस एयरक्राफ्ट कैरियर पर 90 लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टरों के अलावा 3000 के आसपास नौसैनिक तैनात होते हैं।
उत्तर कोरिया ने एक हफ्ते में चौथी बार किया परीक्षण
उत्तर कोरिया ने शनिवार को कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया। इस हफ्ते यह चौथी बार है जब उत्तर कोरिया ने किसी मिसाइल का परीक्षण किया है। उत्तर कोरिया के इस मिसाइल परीक्षण पर पड़ोसी दक्षिण कोरिया समेत अमेरिका और जापान ने कड़ी प्रतिक्रिय दी है। दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून सुक योल ने उत्तर कोरिया के हथियार कार्यक्रम की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि उत्तर कोरिया की परमाणु हथियारों की सनक उसके अपने लोगों की पीड़ा को बढ़ा रही है। उन्होंने ऐसे हथियारों के इस्तेमाल पर दक्षिण कोरिया और अमेरिकी सेनाओं की ओर से अत्यधिक कड़ी प्रतिक्रिया मिलने को लेकर आगाह किया।
कमला हैरिस की दक्षिण कोरिया यात्रा से भड़का है उत्तर कोरिया
उत्तर कोरिया ने अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की दक्षिण कोरिया की यात्रा तथा अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान के बीच पांच साल में पहला पनडुब्बी रोधी प्रशिक्षण होने के बाद मिसाइल परीक्षण तेज कर दिए हैं। दक्षिण कोरिया, जापान और अमेरिकी सेनाओं ने शनिवार को कहा कि उन्होंने उत्तर कोरिया के दो मिसाइल परीक्षणों का पता लगाया है। दक्षिण कोरिया तथा जापान की सेनाओं के अनुसार, मिसाइलों ने कोरियाई प्रायद्वीप तथा जापान के बीच समुद्र में गिरने से पहले करीब 350-400 किलोमीटर की दूरी तय की।
उत्तर कोरिया ने इस्कंदर जैसी मिसाइलें विकसित की
कुछ पर्यवेक्षकों का कहना है कि उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया तथा अमेरिका की मिसाइल रक्षा प्रणाली को मात देने तथा दक्षिण कोरिया में अमेरिकी सैन्य अड्डों समेत अहम ठिकानों को निशाना बनाने के लिए इस्कंदर जैसी मिसाइलें विकसित की हैं। यह भी आशंका जताई जा रही है कि उत्तर कोरिया आने वाले दिनों में परमाणु परीक्षण भी कर सकता है। इसे न सिर्फ अमेरिका बल्कि, दक्षिण कोरिया और जापान के लिए सबसे बड़ा खतरा माना जा रहा है।