कानपुर
कानपुर के घाटमपुर हादसे ने सभी को दहला कर रख दिया है। पानी से भरी खंती से जब ट्रॉलियों को हटाया गया तो गड्ढे में सिर्फ लाशें ही दिखाई दे रही थी। खांटी में फंसे लोगों को बचाने की गुहार लगाते हुए परिजन लगातार बिलख रहे थे। स्थानीय लोगों ने तत्काल घटनास्थल पर पहुंचकर पानी से भरी खंती में प्रवेश किया, तो पांव में लाशें लगी तो वे सिहर गए।
ग्रामीण बिलखते हुए कांपते हाथों से एक-एक कर शवों को खांटी से बाहर निकाल रहे थे, इनमें से कई तो बच्चे भी शामिल थे। चारों तरफ चीख-पुकार मच गई। कानपुर के घाटमपुर के कोरथा गांव में मातम पसरा हुआ है और अंतिम संस्कार के लिए शव ले जाने से पहले काफी भीड़ जुट गई है। हादसे में मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार के लिए महाराजपुर के ड्योढ़ी घाट पर व्यवस्था की गई है। घाटमपुर में हादसे में मृत 13 नाबालिगों के शवों का अंतिम संस्कार भी ड्योढ़ी घाट पर गंगा किनारे जमीन में किया जाएगा।
ट्राली पलटने से 26 लोगों की मौत
गौरतलब है कि शनिवार को कानपुर के पास साद-भितरगांव मार्ग पर ट्राली पलट जाने से 26 लोगों की मौत हो गई। तीन परिवार के लोग मुंडन कराकर खुशी खुशी घर लौट रहे थे तभी ये भयावह हादसा हो गया था। पानी से भरी खाई से ट्राली को निकाला तो सिर्फ लाशें पड़ी थीं। हादसे में अधिकांश बच्चों की मौत हुई है। कुछ छोटे बच्चे तो पानी में खो गए थे, जिन्हें काफी मशक्कत के बाद पानी से निकाला गया। बच्चों के शव निकाल रहे लोगों की आंखों से आंसू नहीं रुक रहे थे।