मुंबई
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट के बीच खींचतान कम होने का नाम नहीं ले रही है। इसी कड़ी में रविवार को मुंबई वर्ली के करीब 3000 शिवसैनिकों ने एकनाथ शिंदे गुट को ज्वॉइन कर लिया। उद्धव गुट के लिए यह इसलिए भी बड़ा झटका है, क्योंकि आदित्य ठाकरे वर्ली इलाके से ही विधायक हैं। गौरतलब है कि दशहरा रैली को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने उद्धव गुट के पक्ष में फैसला दिया है। लेकिन शिंदे गुट ठाकरे परिवार को इसकी खुशियां नहीं मनाने दे रहा है।
उद्धव गुट के करीबियों को जोड़ रहा शिंदे गुट
गौरतलब है कि इससे पहले शिंदे गुट उद्धव के भरोसेमंद सहयोगी रहे मिलिंद नार्वेकर को अपने साथ मिलाने की तैयारी में है। उससे पहले शिंदे गुट ने ठाकरे परिवार के बेहद करीबी रहे चंपा सिंह थापा को अपने साथ जोड़ा था। गौरतलब है कि जून में महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार टूट गई थी। शिवसेना के विधायक एकनाथ शिंदे ने 39 अन्य के साथ बगावत कर दी थी। इन विधायकों ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ शिवसेना गठबंधन का विरोध किया था। बाद में उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया था और भाजपा ने शिवसेना के बागी विधायकों के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। इस सरकार में एकनाथ शिंदे को सीएम और देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम का पद मिला है।
दोनों गुटों में टकराव
इसके बाद से ही शिवसेना के दोनों गुटों में जबर्दस्त टकराव चल रहा है। एक तरफ उद्धव गुट खुद को असली शिवसेना बताता है तो दूसरी तरफ शिंदे गुट का दावा है कि असली शिवसेना वह है। हाल ही में दशहरा रैली मनाने के अधिकार को लेकर दोनों गुटों की लड़ाई कोर्ट तक पहुंची थी। दोनों ही गुट पार्टी के स्थापना दिवस पर दशहरा रैली मनाने का दावा कर रहे हैं। हालांकि बीएमसी ने दोनों गुटों को लॉ-एंड ऑर्डर का हवाला देते हुए परमिशन देने से इंकार कर दिया था।