नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत में बहुप्रतीक्षित 5जी सर्विस को लॉन्च किया। पीएम मोदी ने देश के महानगरों में 5जी सर्विस की शुरुआत की। इसके साथ ही पीएम मोदी ने नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2022 के छठे संस्करण का भी उद्घाटन किया।
आईएमसी का यह छठा संस्करण है इसका विषय है ‘‘नया डिजीटल संसार‘‘। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार 5जी दूरसंचार नेटवर्क से मोबाइल डाटा का प्रवाह कई गुना तेज होगा और लोगों को विश्वस्तरीय विश्वसनीय संचार सुविधाएं मिलेगी। 5जी प्रौद्योगिकी से ऊर्जा दक्षता और स्पेक्ट्रम तथा नेटवर्क का उपयोग बेहतर होगा। इससे पहले प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर कुछ देर पहले कहा कि थोड़ी देर बाद इंडियन मोबाइल कांग्रेस शुरु होने जा रही है जहां भारत में 5जी क्रांति की शुरुआत करने की तैयारी है। उन्होंने प्रौद्योगिकी जगत के लोगों, युवा मित्रों और स्टाटर्अप इकाइयों के प्रतिनिधियों को इस कार्यक्रम में जोड़ने का आह्वान किया।
बता दें कि 5 जी तकनीकी के जरिए बिना किसी रुकावट के हाई स्पीड इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा सकेगा। वर्षों की तैयारी के बाद 5जी सेवाओं की शुरुआत हुयी है। हाल ही में, 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी सफलतापूर्वक संपन्न की गई थी और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को 1,50,173 करोड़ रुपये की लागत से 51,236 मेगाहट्र्ज आवंटित किया गया था। नीलामी ने एक मजबूत 5जी इको-सिस्टम तैयार करने की आवश्यकता पर जोर दिया था, ताकि आईओटी, एम2एम, एआई, एज कंप्यूटिंग, रोबोटिक्स आदि से जुड़े इसके इस्तेमाल से संबंधित जरूरतों को पूरा कर सके।
5जी नए आर्थिक अवसर और सामाजिक लाभ प्रदान कर सकता है और इसे भारतीय समाज के लिए एक परिवर्तनकारी शक्ति बनने की क्षमता प्रदान कर सकता है। यह देश को विकास की पारंपरिक बाधाओं को दूर करने, स्टाटर्अप्स और व्यावसायिक उद्यमों द्वारा नवाचारों को बढ़ावा देने के साथ-साथ‘डिजिटल इंडिया'के द्दष्टिकोण को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। भारत पर 5जी का कुल मिलाकर आर्थिक प्रभाव 2035 तक 450 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
दूरसंचार विभाग ने अगस्त 2022 में राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) नियम 2016 में संशोधन किया है, जिसमें आरओडब्ल्यू की स्वीकृतियों के लिए शुल्क को उचित बनाया गया है और स्ट्रीट फर्नीचर पर 5जी छोटे सेल और ऑप्टिकल फाइबर केबल की स्थापना के लिए आरओडब्ल्यू शुल्क की एक सीमा तय की गई है। दूरसंचार विभाग ने 2018 में प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए आईआईटी, भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु और समीर (एसएएमईईआर) की मदद से 5जी टेस्टेड की स्थापना की है। स्टाटर्अप उद्योगों द्वारा इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए 2020 में एक 5जी हैकथॉन शुरू किया गया था और इससे नवीन उत्पादों को बढ़ावा मिला है।
5जी के इस्तेमाल के मामलों पर एक अंतर-मंत्रालयी समिति 2021 से 12 केंद्रीय मंत्रालयों के समन्वय से कार्य कर रही है, जिससे 5जी यूज-केस प्रयोगशालाओं की स्थापना की जा सके। 5जी हैंडसेट उपलब्ध कराने के लिए 5जी इको-सिस्टम को सक्षम करने के लिए उद्योग के साथ परामर्श आयोजित किया गया है। मुंबई में निवेशकों, बैंकरों और उद्योग के साथ 5जी व्यापार के अवसरों पर और सरकार द्वारा प्रमुख हस्तक्षेपों की पहचान करने के लिए एक गोलमेज सम्मेलन आयोजित किया गया था।
किन लोगों को मिलेगी 5G सर्विस?
5G यूज करने के लिए आपको नए सिम कार्ड की जरूर फिलहाल नहीं होगी. आप अपने पुराने सिम पर ही नई सर्विस यूज कर सकेंगे. हालांकि, इसके लिए आपके फोन में 5G सपोर्ट होना जरूरी है. 5G सपोर्ट ही नहीं इसमें उन बैंड्स का भी होना जरूरी है, जिस पर सर्विस उपलब्ध होगी.
भारत में लॉन्च हुए बहुत से मोबाइल 5G स्पेक्ट्रम नीलामी से पहले के हैं. ऐसे में आपको चेक कर लेना चाहिए कि आपके फोन में कौन-कौन से बैंड्स मिलते हैं और आपका ऑपरेटर किन बैंड्स पर सर्विस प्रोवाइड करेगा.
क्या होगा नया?
ऐसा नहीं है कि 5G नेटवर्क पर आपको सिर्फ तेज स्पीड इंटरनेट मिलेगा. ये इस सर्विस का मात्र एक पहलू है. 5G नेटवर्क पर आपको हाई स्पीड डेटा के अलावा, बेहतर टेलीकॉम सर्विसेस और कॉल कनेक्टिविटी मिलेगी. यानी नए नेटवर्क पर हाई स्पीड डेटा के अलावा बेहर कॉल और कनेक्टिविटी मिलेगी. कुल मिलाकर इस नेटवर्क पर आपको टेलीकॉम एक्सपीरियंस बेहतर होगा.
लंबे समय से था लोगों को इंतजार
5G स्पेक्ट्रम नीलामी जुलाई में हुई थी और उसके बाद से ही लोगों को 5G सर्विसेस का इंतजार था. आखिरकार भारत में भी 5G सर्विसेस की शुरुआत हो रही है. हालांकि, इसका पैन इंडिया एक्सपैंशन होने में वक्त लगेगा. जियो और एयरटेल दोनों ही टेलीकॉम कंपनियां 5G सर्विसेस ऑफर करेंगी.
इस लिस्ट में वोडाफोन आइडिया भी शामिल है, लेकिन कंपनी ने 5G लॉन्चिंग पर ज्यादा जानकारी नहीं दी है. जियो की सर्विस शुरुआत में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में मिलेगी. कंपनी अगले साल के अंत तक सर्विस का विस्तार अन्य राज्य में करेगी.
शुरुआत में टेलीकॉम सर्विसेस प्रोवाइडर्स का फोकस बड़े शहर ही होंगे. वहीं एयरटेल ने भी अपनी तैयारी पूरी कर ली है. हाल में कंपनी के CEO ने एक लेटर लिख जानकारी दी थी कि कंज्यूमर्स 5G सर्विसे के लिए तैयार रहें. उन्हें मौजूदा सिम कार्ड पर ही 5G की सर्विस भी मिलेगी. हालांकि, इसे यूज करने के लिए उनके पास 5G फोन होना भी जरूरी है.