लखनऊ
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद अब समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) 2024 के लोकसभा चुनावों की तैयारियों में जुटने के लिए तैयार है। सपा के नेताओं की माने तो 2024 का चुनाव पार्टी के लिए 'अभी नहीं तो कभी नहीं' वाली स्थिति है। सपा के रणनीतिकारों की माने तो पार्टी का फोकस गैर जाटव और गैर यादव ओबीसी समुदाय को पार्टी के पाले में लाने पर रहेगा। इसके लिए सपा के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने बसपा (Bahujan Samaj Party) छोड़कर सपा में आए चार नेताओं की एक टीम बनाई है जो इस एजेंडे को लागू करने को लेकर एक ब्लूप्रिंट तैयार करेगी।
बसपा के पुराने महारथियों को सौंपी ब्लूप्रिंट की जिम्मेदारी
पार्टी ने गुरुवार को संपन्न हुए अपने राष्ट्रीय अधिवेशन में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए दलितों और ओबीसी के बीच एकता को मजबूत करने का आह्वान किया है। इसके लिए पार्टी ने सपा ने तीन वरिष्ठ ओबीसी नेताओं, लालजी वर्मा, राम अचल राजभर और स्वामी प्रसाद मौर्य को एक ब्लूप्रिंट तैयार करने का जिम्माद सौंपा है। ये तीनों नेता 2021 में सपा में शामिल होने से पहले तीन दशक से अधिक समय तक बहुजन समाज पार्टी में मायावती के साथ काम कर चुके हैं। इस टीम में बसपा के पूर्व नेता और अब सपा विधायक इंद्रजीत सरोज को भी शामिल किया गया है।