पटना
आरसीपी सिंह ने आज मुस्तफापुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी छोड़ने की घोषणा की और अपनी पार्टी बनाने की बात कही।
दिग्गज नेता आरसीपी सिंह ने जदयू की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले सुबह ही पार्टी ने उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था और उन्हें नोटिस भेजकर जवाब मांगा था। अपने गांव से इस्तीफे का एलान करते हुए आरसीपी सिंह ने जदयू को डूबता जहाज बताया। आरसीपी सिंह ने मुस्तफापुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी छोड़ने की घोषणा की और अपनी पार्टी बनाने की बात कही।
उन्होंने कहा कि मुझे बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। मेरे नाम कोई भी जमीन नहीं है। मुझ जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वह सभी निराधार हैं। जदयू की ईर्ष्या का कोई इलाज नहीं है। मैं इन हालातों में उनके साथ आगे नहीं बढ़ सकता। जद (यू) से इस्तीफा देने के बाद आरसीपी सिंह ने कहा कि जब भी मेरी पार्टी के कार्यकर्ता या उनके परिवार के सदस्य किसी परेशानी में रहे हैं, मैंने उनकी मदद की पेशकश की है। अगर आपको मुझसे नाराजगी है तो मुझसे निपटें। बच्चों को इसमें क्यों घसीटें?
उन्होंने कहा कि क्या मेरे नाम पर कोई संपत्ति है? 2010 से हमारी बेटियां रिटर्न दाखिल कर रही हैं। हमारी बेटियां आश्रित नहीं हैं। वे स्वतंत्र हैं। आरसीपी सिंह से जब पूछा गया कि क्या बिहार के सीएम नीतीश कुमार पीएम बनना चाहते हैं? इस पर उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार सात जन्मों में प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे, इस जीवन में अकेले रहने दें।
उन्होंने कहा कि आपने पार्टी में जांच एजेंसी बना रखी है क्या? नोटिस में लिखा है पूर्व केंद्रीय मंत्री पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष लिखने में शर्म आ रही है? मेरे पास जो भी संपत्ति है वो पेंशन से है। मैनें कभी कुछ नहीं खरीदा। उन्होंने कहा कि आरोप उन लोगों द्वारा एक साजिश है जिन्होंने मुझे केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने से ईर्ष्या की थी। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि कांच के घरों में रहने वालों को दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए। मैं पार्टी की अपनी प्राथमिक सदस्यता भी छोड़ रहा हूं।
इससे पहले जदयू ने उन पर आरोप लगाया कि राज्यसभा सांसद और फिर केंद्रीय मंत्री रहते हुए आरसीपी सिंह ने अकूत अचल संपत्ति बनाई है। वह भी गलत तरीके से। राज्यसभा की सदस्यता खत्म होने पर पिछले महीने ही आरसीपी सिंह ने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दिया था।
एक बात यह भी है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह में पिछले कुछ समय से काफी खटास बढ़ गई थी। यही कारण है कि मंत्री पद जाते ही खुद की पार्टी से इतने बड़े आरोप लगने पर कई तरह के सवाल खड़े होने लगे हैं। कहा जाने लगा था कि जेडीयू में कुछ लोग हैं, जो आरसीपी सिंह की राजनीति खत्म करना चाहते हैं।