ताइपे।
ऐसी महिला जिसने दुनिया के शक्तिशाली देश चीन की नींद उड़ा रखी है। यहां जिक्र हो रहा है ताइवान की पहली महिला राष्ट्रपति साई इंग वेन की का, जिन्होंने एक बार चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के पत्र को कूड़ेदान में डाल दिया था। वेन अपने कड़क लहजे के लिए जानी जाती हैं। साई इंग वेन हमेशा ताइवान की पहचान पर जोर देती रही हैं। कोरोना के खिलाफ जंग में उन्होंने जो कदम उठाए उसकी दुनियाभर में तारीफ हुई। कोरोना को लेकर ताइवान के मॉडल की हर तरफ चर्चा हुई।
चीन से लगातार मिल रही धमकियों के बीच वेन डटी हुई हैं और ताइवान के लोकतंत्र को बचाने के लिए संघर्ष कर रही हैं। उनके जज्बे की तारीफ हाल ही में ताइवान के दौरे पर आई अमेरिकी सीनेट की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने भी की थी। 2.36 करोड़ आबादी वाला ताइवान दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाले देश चीन को कड़ी चुनौती दे रहा है। इस चुनौतीपूर्ण समय में राष्ट्रपति साई इंग-वेन ताइवान का केंद्र बिंदु बनी हैं। चीन ताइवान को वन चाइना नीति के तहत अपना हिस्सा बताता है।
चीन को लेकर अपने रुख पर अडिग
2020 के चुनाव में जीत में चीन के खिलाफ उनके रुख की अहम भूमिका रही। वेन हमेशा ताइवान की पहचान पर जोर देती रही हैं। उन्होंने साफ कर दिया है कि चीन के साथ भविष्य के संबंधों के केंद्र में लोकतंत्र होगा। चीन लगातार ताइवान को धमकी देता रहा है। साई इंग वेन का जन्म 31 अगस्त, 1956 को हुआ था। 2016 में वेन ताइवान की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं। 2020 के चुनाव में चीन के खिलाफ रुख की अहम भूमिका रही।
वेन की शैक्षणिक योग्यता
साई ने कानून और अंतरराष्ट्रीय व्यापार की पढ़ाई की है। उन्होंने स्नातक तक ताइवान में पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने अमेरिका से कानून की मास्टर डिग्री और ब्रिटेन के लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पीएचडी किया