भोपाल
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में अध्यक्ष के पद पर रह चुका व्यक्ति अब 65 साल की उम्र तक अधिकतम छह वर्ष की अधिक अवधि के साथ एक अतिरिक्त अवधि के लिए पुन: अध्यक्ष बनाया जा सकेगा।
पर्यावरण विभाग ने इसके लिए नियमों में संशोधन कर दिया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष पद के लिए अब किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से पर्यावरण विज्ञान, पर्यावरण अभियांत्रिकी, पर्यावरण नियोजन एवं प्रबंधन में स्नातकोत्तर उपाधि एवं विशेष रुप से औद्योगिक प्रदूषण का उपशमन, दूषित जल शोधन, वायु प्रदूषण नियंत्रण एवं उपचार तथा परिसंकटमय अपशिष्ट, जैव चिकित्सा अपशिष्ट, ठोस अपशिष्ट, प्लास्टिक अपशिष्ट में विशेषत: पर्यावरण संरक्षण से संबंधित पंद्रह वर्षो का व्यवहारिक अनुभव रखने वाले व्यक्ति की नियुक्ति की जाएगी। साथ ही इस पद के लिए अब भारत सरकार या राज्य सरकार के नियंत्रण के अधीन भारत सरकार, राज्य सरकार, सार्वजनिक उपक्रम, सांविधिक निकाय के अधीन कार्यरत अधिकारी की नियुक्ति की जा सकेगी।
पैतृक संवर्ग अथवा विभाग में नियमित आधार पर बराबरी का पद धारण करता हो अथवा पैतृक संवर्ग अथवा विभाग में नियमित आधार पर नियुक्ति के बाद इस ग्रेड में तीन वर्ष की नियमित सेवा और जरुरी अर्हताएं तथा अनुभव रखता हो जैसी अनिवार्यताएं समाप्त कर दी गई है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष के पद पर अब तीन वर्ष की अवधि के लिए तैनाती होगी लेकिन 65 वर्ष की आयु तक अधिकतम छह वर्ष की अवधि के साथ एक अतिरिक्त अवधि के लिए उनका नाम पुन: नाम निर्दिष्ट किया जा सकेगा। इस पद पर भर्ती के लिए अब मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति की अनुशंसा पर नियुक्ति की जाएगी। इस समिति में प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश संवर्धन, खान एवं खनिज विभाग तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग , पर्यावरण विभाग द्वारा नामनिर्दिष्ट किए गए पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण के क्षेत्र में अनुभव रखने वाले दो विशेषज्ञ सदस्य को सदस्य बनाया जाएगा।
पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव इस समिति के संयोजक होंगे। इस पद के लिए अब प्रमुख समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी करना होगा और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाईट पर तीस दिन की आवेदन अवधि के साथ पोस्ट करना होगा। आवेदन पत्रों की छटनी के लिए प्रमुख सचिव पर्यावरण एक उपसमिति गठित करेंगे। आवेदकों की सूची तैयार कर जांच और चयन समिति के समक्ष रखी जाएगी। जो साक्षात्कार के लिए पात्र आवेदकों की सूची तैयार करेंगे। साक्षात्कार के बाद शासन को अधिकतम तीन आवेदकों के पैनल को अनुशंसित किया जाएगा। जांच सह चयन समिति की अनुशंसा पर अध्यक्ष नामनिर्दिष्ट किया जाएगा।