रायपुर
प्रदेश में संचालित गोधन न्याय मिशन की बैठक आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा ने की। इस अवसर पर ग्रामोद्योग विभाग के प्रमुख सचिव तथा गोधन न्याय मिशन के समन्वयक डॉ. आलोक शुक्ला विशेष रूप से मौजूद थे। बैठक में गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन की प्रगति, स्वावलंबी गौठान, गौठानों में आजीविका गतिविधि, ग्रामीण औद्योगिक पार्क की प्रगति की समीक्षा की गई। बैठक में गोधन न्याय मिशन के संचालन एवं रणनीति पर भी चर्चा हुई। बैठक में जानकारी दी गई कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राज्य स्तर पर तीन और प्रत्येक जिले में एक-एक उत्कृष्ट कार्य करने वाले गौठानों को पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में 10 हजार 629 से अधिक गोठान स्वीकृत है, जिसमें से करीब 8408 गौठान का निर्माण हो गया है। गौठान में गोधन न्याय योजना के तहत तीन लाख 64 हजार 904 से अधिक गोबर विक्रेताओ का पंजीयन किया गया है। गौठानों में लगभग प्रति सप्ताह औसतन 31 हजार गोबर विक्रेताओं द्वारा गोबर विक्रय किया जाता है। गोबर क्रय पर करीब 153.44 करोड़ रूपए भुगतान गोबर विक्रेताओं को किया गया है। गौठानों में विकसित किए जा रहे ग्रामीण औद्योगिक पार्क की स्थापना के तहत तेल मिल, दाल मिल, आटा मिल, मिनी राईस मिल एवं अन्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित की जा रही है। अब तक करीब 1769 प्रसंस्करण ईकाइयों की स्थापना का कार्य प्रगतिरत है। इसके साथ ही 2475 प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना का कार्यक्रम प्रस्तावित है।
गोधन न्याय योजनांतर्गत जिलों में स्वावलंबी तथा सक्रिय गौठानों में आयमूलक गतिविधियों के रूप में गौमूत्र क्रय कर उत्पाद तैयार किया जाएगा। यह गतिविधि को हरेली त्यौहार से प्रारंभ की गई है। गौमूत्र संग्रहण और उत्पाद तैयार करने हेतु राज्य एवं जिला स्तर पर मास्टर टेऊनरों का प्रशिक्षण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। बैठक में कृषि सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग सचिव प्रसन्ना आर., सचिव मुख्यमंत्री अंकित आनंद, विशेष सचिव वाणिज्य एवं उद्योग हिमशिखर गुप्ता, संचालक कृषि एवं गोधन न्याय योजना अयाज तम्बोली सहित कृषि, पशुपालन और अन्य विभागों के अधिकारी शामिल हुए।