अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन से जयशंकर ने की मुलाकात, कहा- हमेशा की तरह मिल कर अच्छा लगा

नोम पेन्ह (कंबोडिया)
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने गुरुवार को ASEAN मंत्रिस्तरीय बैठक से पहले कंबोडिया में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (US Secretary of State Antony Blinken) से मुलाकात की। एस जयशंकर (S Jaishankar) ने ब्लिंकेन से कहा, आपसे मिलकर हमेशा की तरह अच्छा लगा। हमें बहुत कुछ बातें करनी हैं और यह वास्तव में बहुत व्यस्त वर्ष रहा है, हमारे पास बहुत अच्छा क्वाड था और तब से मुझे लगता है कि दुनिया भर में कई विकास हुए हैं। बता दें कि एस जयशंकर ASEAN मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेने के लिए बुधवार को कंबोडिया पहुंचे थे।

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि बैठक दोनों नेताओं के लिए एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत के साथ-साथ श्रीलंका संकट सहित आपसी हित के क्षेत्रों पर नोट्स की तुलना (Compare Notes) करने का एक अच्छा अवसर है। ब्लिंकन ने कहा, ASEAN की बैठकों में भाग लेना हमारे लिए एक साथ आने और अपने सबसे करीबी सहयोगियों के साथ नोट्स की तुलना करने का अवसर है, जिसकी शुरुआत मेरे लंबे समय के मित्र भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर () से हुई है।

यूएस सेक्रेटरी ऑफ स्टेट (US Secretary of State) ने कहा, यह हमारे लिए नोट्स की तुलना करने का एक अवसर है क्योंकि हम इन बहुत महत्वपूर्ण ASEAN बैठकों में शामिल हैं। हम दोनों ASEAN (Association of Southeast Asian Nations) केंद्रीयता के प्रबल समर्थक हैं। एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक के लिए हमारा एक साथ साझा दृष्टिकोण है, जिस पर हम हर दिन अलग-अलग तरीकों से काम करते हैं। इस दौरान ब्लिंकन ने श्रीलंका और बर्मा में कई चुनौतियों का भी उल्लेख किया जो भारत और अमेरिका दोनों से संबंधित हैं।

हमारे सामने हैं तात्कालिक चुनौतियां- ब्लिंकन
ब्लिंकन ने कहा, हमारे सामने कुछ तात्कालिक चुनौतियां हैं जिनसे हम दोनों चिंतित हैं, जिसमें श्रीलंका, बर्मा और कई अन्य हॉटस्पॉट की स्थिति शामिल है। इसलिए मैं एक बार फिर अपने मित्र के साथ इन कई मुद्दों पर विचार करने में सक्षम होने के लिए उत्सुक हूं और फिर हम दोनों बैठकों में शामिल होंगे। वहीं, बुधवार को जयशंकर ने कंबोडिया के सिएम रीप में 12वीं सदी के ता प्रोहम मंदिर के दर्शन भी किए।  दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (ASEAN) में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं।

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