यासीन मलिक की भूख हड़ताल खत्म, तिहाड़ में 10 दिन बाद हुई सुनवाई

नई दिल्ली
 
प्रतिबंधित संगठन जम्मू-कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट के सरगना यासीन मलिक ने तिहाड़ जेल में अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी है। अपनी मांगों को लेकर पिछले दस दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे यासीन मलिक ने सोमवार शाम तब अपना अनशन समाप्त कर दिया जब उसे बताया गया कि उसकी मांगों के बारे में संबंधित अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।

मामले की जांच सही से नहीं होने का आरोप लगाया
दरअसल, यासीन मलिक ने पिछली 22 जुलाई को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी थी। उसका आरोप था कि उसके मामले की जांच सही से नहीं हो रही है। उसके बाद से ही जेल प्रशासन लगातार उससे भूख हड़ताल खत्म करने के लिए कह रहा था, लेकिन उसने भूख हड़ताल समाप्त करने से इंकार कर दिया था।

दिल्ली जेल के महानिदेशक के अनुरोध पर खत्म की
फिलहाल जेल अधिकारियों ने कहा है कि उसने दिल्ली जेल के महानिदेशक संदीप गोयल के अनुरोध पर अपनी भूख हड़ताल दो महीने के लिए टाल दी है। जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि महानिदेशक ने मलिक को बताया कि उसके द्वारा उठाई गई मांगों को संबंधित अधिकारियों को भेज दिया गया है और उसे इस पर निर्णय के बारे में सूचित किया जाएगा।

राम मनोहर लोहिया में भर्ती कराया गया था
पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक गोयल ने कहा कि 22 जुलाई से तिहाड़ जेल में भूख हड़ताल पर बैठे दोषी यासीन मलिक ने मेरे अनुरोध पर आज शाम अपना अनशन समाप्त कर दिया। मलिक को पिछले महीने रक्तचाप में उतार-चढ़ाव के बाद यहां के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था और जेल लौटने के बाद उसने कुछ भी खाने से इनकार कर दिया था।

इलाज नहीं कराना चाहता यासीन मलिक?
हालांकि अधिकारियों ने यह जरूर बताया कि तिहाड़ की जेल संख्या-7 में उच्च जोखिम वाली कोठरी में एकांत कारावास में रखे गए अलगाववादी नेता को जेल के चिकित्सा जांच कक्ष में स्थानांतरित कर दिया गया था। यासीन मलिक ने अस्पताल के डॉक्टरों को एक पत्र सौंपा था, जिसमें कहा गया था कि वह इलाज नहीं कराना चाहता है।

क्या थी यासीन मलिक की मांगें?
यासीन मलिक ने रुबैया सईद के अपहरण से जुड़े मामले में जम्मू की अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का अनुरोध किया था, लेकिन केंद्र सरकार से इस पर कोई जवाब नहीं मिलने पर उसने भूख हड़ताल शुरू कर दी। मलिक इस मामले में आरोपी है। मलिक की मांग थी कि वह वहां खुद उपस्थित होना चाहता है। इस मांग के अलावा उसकी यह भी मांग थी कि उसके मामले की सही से जांच होनी चाहिए।

 

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