नेपिता
म्यांमार की सैन्य सरकार (Junta ) के मुखिया ने सोमवार को शांति योजनाओं के क्रियान्वयन में अस्थिरता को बड़ी बाधा करार देते हुए देश में लागू आपातकाल को छह और महीनों के लिए बढ़ा दिया। जुंटा ने अगले साल आम चुनाव कराने का एलान भी किया। यह जानकारी समाचार एजेंसी रायटर ने दी। सैन्य सरकार ने पिछले साल फरवरी में तख्तापलट के बाद पहली बार म्यांमार में आपातकाल लागू किया था।
सेना ने आंग सान सू की सरकार को बलपूर्वक बेदखल करते हुए सत्ता की कमान अपने हाथ में ले ली थी और अबतक ज्यादातर शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों का दमन कर चुकी है। 10 सदस्यीय दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का संगठन (आसियान) संघर्ष समाप्त करने के लिए पिछले साल पांच बिंदुओं पर सहमत हुआ था, लेकिन सैन्य सरकार इनके क्रियान्वयन के लिए इच्छुक नहीं दिखाई देती। जुंटा नेता मिन आंग ह्लाइंग ने सरकारी रेडियो पर प्रसारित एक संदेश में कहा, 'स्थायित्व के अभाव में आसियान के फैसले का क्रियान्वयन मुश्किल है। निष्पक्ष व दबाव रहित चुनाव के लिए हिंसक संघर्ष खत्म होना चाहिए।'
आसियान के सम्मेलन में म्यामांर को नहीं मिलेगा प्रतिनिधित्व
आसियान के एक प्रवक्ता ने बताया कि कंबोडिया में इसी हफ्ते होने वाले विदेश मंत्रियों के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में म्यांमार को प्रतिनिधित्व नहीं दिया जाएगा, क्योंकि सैन्य सरकार ने उसमें गैर जुंटा प्रतिनिधि भेजने से इन्कार कर दिया है। आसियान ने शांति योजना के क्रियान्वयन में प्रगति न होने पर पिछले साल से ही बैठकों में म्यांमार के प्रतिनिधित्व पर रोक लगा रखी है।
सेना ने जापानी पत्रकार को हिरासत में लिया
म्यांमार की सेना ने जापानी पत्रकार टोरू कुबोटा को सैन्य शासन के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों की तस्वीर लेने पर हिरासत में ले लिया। कुबोटा अल जजीरा, याहू, न्यूज जापान और वाइस जापान आदि मीडिया संस्थानों के लिए काम करते हैं। उनसे पहले चार विदेशी समेत कुल 140 पत्रकारों को गिरफ्तार किया जा चुका है।